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सागर

उड़ती राख को रोकने बिछा रहे बरसाती, ग्रामीणों में आक्रोश

ग्रामीणों ने कहा किया जाए स्थाई हल, नहीं तो करेंगे आंदोलन

सागरFeb 22, 2019 / 09:31 pm

sachendra tiwari

villagers from coal ashes worried

villagers from coal ashes worried

बीना. ग्राम हिन्नौद में बने जेपी पावर प्लांट के एस पोंड में जमा कोयले की राख ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनी है। मीडिया द्वारा मामला प्रकाश में लाए जाने के बाद अब जेपी प्रबंधन ने प्रयास तो शुरू किए हैं, लेकिन वह कारगर साबित नहीं होंगे। ग्रामीणों द्वारा समस्या का स्थाई हल करने की मांग की जा रही है।
शुक्रवार को प्रबंधन द्वारा एस पोंड में जमा राख पर बरसाती बिछाने का काम शुरू कराया है और इसके बाद पानी का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे राख उड़कर गांव में न पहुंचे। प्रबंधन द्वारा बरसाती बिछाने का काम तो किया जा रहा है, लेकिन तेज हवा आने पर बरसाती भी उड़ जाएगी और फिर ग्रामीण परेशान होंगे। ग्रामीणों ने बताया कि जो बरसाती बिछाई जा रही है वह बहुत पतली है जो हवा चलने पर फट जाएगी। प्रबंधन को यहां कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे यह समस्या खत्म हो जाए। अस्थाई व्यवस्था से कुछ दिनों बाद फिर स्थिति जस की तस हो जाएगी। यदि स्थाई हल नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे।
कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
इस संबंध में कांग्रेस द्वारा एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि जेपी पावर प्लांट से निकलने वाली राख से ग्रामीण परेशान हैं और वातावरण प्रदूषित हो रहा है। ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों के साथ-साथ कंपनी के कर्मचारी भी परेशान हैं। किसानों की फसल को क्षति पहुंच रही है। इस समस्या का निराकरण कर कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश महामंत्री वीरेन्द्र बबेले, अरविंद सिंह राजपूत, भावङ्क्षसह यादव, दिनेश तिवारी, राजेन्द्र कुशवाहा, वीरू पटेल, हेमंत गोलंदाज शामिल हैं।
प्रबंधन हर बार करता है लापरवाही
जेपी प्रबंधन द्वारा हर बार लापरवाही की जाती है और शिकायत करने के बाद ही वह जागते हैं। शिकायत के बाद थोड़ा काम करने के बाद फिर अधिकारी भूल जाते हैं। प्रबंधन को ग्रामीणों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की कोई चिंता नहीं है, जिससे इस तरह की लापरवाही की जा रही है।
एसडीएम को बताया भर दिया है पानी
प्रबंधन ने एसडीएम डीपी द्विवेदी को बताया कि प्लांट में एक फिट पानी भर दिया गया है, जबकि वहां बरसाती बिछाकर फायरब्रिगेड से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा अधिकारियों को भी गुमराह किया जा रहा है। जबकि एस पोंड में एक फिट पानी भरने में कई दिन लग जाएंगे, क्योंकि उसका एरिया बहुत बड़ा है।

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