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बोवनी करते ही गिर गया पानी, मिट्टी में ही दब गया बीज, फिर करनी पड़ेगी बोवनी

locationसागरPublished: Jun 30, 2020 09:38:25 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

लागत हो जाएगी दोगुनी

Water fell as sow, seed buried in soil

Water fell as sow, seed buried in soil

बीना. पहली बारिश होने के बाद ही किसानों ने बोवनी शुरू कर दी थी और फिर उसके बाद हुई लगातार बारिश से अंकुरण मिट्टी के ऊपर नहीं आ पाया, जिससे बीज अंदर ही खराब हो गया है। बीज खराब होने से एक बार लगाई लागत पर पानी फिर गया है और अब फिर से लागत लगाकर बोवनी करनी पड़ेगी।
पिछले दिनों लगतार चार दिनों तक हुई बारिश के पहले किसानों ने बोवनी कर दी थी, जिससे बीज का अंकुरण अच्छा हो, लेकिन लगातार बारिश के कारण बीज जमीन में ही दबकर खराब हो गया है। बोवनी के बाद करीब चौबीस घंटे तक बारिश नहीं होनी चाहिए, लेकिन पिछले दिनों बोवनी के कुछ घंटों बाद ही बारिश शुरू हो गई थी जो लगातार होती रही। अंकुरण ऊपर न आने पर जब किसानों ने खेत में खुदाई कर बीज की स्थिति देखी तो जमीन के अंदर ही बीज अंकुरित होकर खराब हो गया। अधिकांश खेतों में कहीं-कहीं फसल दिख रही है जो बहुत कम है और किसानों ने फिर से बोवनी करने की तैयारी शुरू कर दी है।
पांच एकड़ में फिर करनी पड़ेगी बोवनी
किसान जयंत पाराशर ने बताया कि पांच एकड़ में ढाई बोरा सोयाबीन का बीज, खाद, उपचार की दवा, डीजल सहित करीब २५ हजार रुपए की लागत लगाई थी, लेकिन लगातार हुई बारिश से अंकुरण ऊपर नहीं आया है। अब बोवनी फिर से करनी पड़ेगी और लागत दोगुनी हो जाएगी।
सोयाबीन की बोवनी ज्यादा
क्षेत्र में किसानों ने सोयाबीन की बोवनी ज्यादा की है। क्योंकि पिछले वर्ष बारिश अच्छी होने से उत्पादन अच्छा हुआ था। बारिश के कारण उड़द की फसल खराब हुई थी, जिससे उड़द की बोवनी कम मात्रा में हुई है।
तीन इंच बारिश के बाद होती है बोवनी
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार खरीफ फसल की बोवनी तीन इंच बारिश ेके बाद शुरू होती है, लेकिन किसानों ने जल्दबाजी दिखाते हुए बोवनी कर दी थी। बारिश बाद अब जो किसान बोवनी कर रहे हैं उनकी फसल अच्छी होगी।
80 प्रतिशत हो गई थी बोवनी
बारिश पूर्व किसानों ने करीब 80 प्रतिशत बोवनी कर दी थी, जिसमें कुछ किसानों का बीज बारिश में खराब होने की बात सामने आ रही है।
राकेश परिहार, आरएइओ

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