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सागर

भय और चिंता से मानसिक रोगों की चपेट में आ रहे लोग

विश्व मानसिक दिवस आज

सागरOct 09, 2019 / 08:08 pm

रेशु जैन

सागर. मानसिक तनाव आज एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। सभी आयु वर्ग के लोग इसकी जद में आ रहे हैं। प्रतिस्पर्धाओं के चलते युवा वर्ग भी इससे अछूता नहीं रह गया है। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल पूरे विश्व में 1० अक्टूबर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस वर्ष 2019 की थीम आत्महत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना है।

तनाव से बढ़ रहा है मानसिक रोग
मनोचिकित्सक डॉ. राजीव जैन ने बताया कि आज की भाग दौड़ वाले जीवन में आगे निकलने की होड़ ने एक नई स्वास्थ्य की समस्या को जन्म दिया है और वह है मानसिक तनाव। यह तनाव न केवल हमें बल्कि हमारे आस-पास रहने वाले लोग, परिवार के सदस्य भी इससे प्रभावित होते हैं। तनाव अन्य कई तरह की बीमारियों जैसे उच्च या निम्न रक्तचाप, माइग्रेन, चिड़चिड़ापन, ह्रदय से जुड़ी समस्याओं को जन्म देता है। कभी कभी तो यह स्थिति हो जाती है कि व्यक्ति आत्महत्या भी कर लेता है। इसलिए हमें इस बात के लिए लोगों को जागरूक करना है कि तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं है।

मानसिक रोग से ये हो रही बीमारी

डिमेंशिया, डिस्लेक्सिया, तनाव, चिन्ता, कमजोर याददाश्त, बाइपोलर डिसआर्डर, अल्जाइमर रोग, भूलने की बीमारी आदि शामिल हैं। अत्यधिक भय व चिन्ता होना, थकान और सोने में समस्याएं होना, वास्तविकता से अलग हटना, दैनिक समस्याओं से निपटने में असमर्थ होना, समस्याओं और लोगों के बारे में समझने में समस्या होना, शराब व नशीली दवाओं का सेवन, हद से ज्यादा क्रोध होना आदि मानसिक बीमारी के लक्षण हैं।

1992 से मनाया जा रहा है दिवस
वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत हुई थी। जो लोग अवसाद में जी रहे हैं, उन्हें अकेला नहीं छोडऩा चाहिए, क्योंकि अधिकतर अकेले में रहने वाले तनाव और अवसाद के चलते आत्महत्या कर लेते हैं । ऐसे लोगों को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। मानसिक बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। वर्तमान समय में बच्चों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है।

स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आज

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन १० अक्टूबर को जिला अस्पताल में किया जा रहा है। शिविर सुबह ९ बजे से शाम ४ बजे तक चलेगा। शिविर का उ²ेश्य मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं रोगियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति की पहचान एवं रोकथाम है।

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