दरअसल मुजफ्फरनगर के रहने वाले माेहम्मद तुफैल ने देवबंद दारुल उलूम से लिखित में यह सवाल किया था कि क्या, क्या महिलाएं सजने संवरने के लिए नाखूनाें पर पॉलिश लगा सकती है ? इस सवाल के बारे में हम आपकाे पहले ही बता चुके हैं, कि देवबंद दारुल उलूम ने महिलाआें काे नाखूनाें पर पॉलिश (नेल पॉलिश) लगाने की अनुमति ताे दे दी है लेकिन यह भी कह दिया है कि नेल पॉलिश लगाकर की गई वजू पूरी नहीं मानी जाती। इसका कारण यह है कि पॉलिश लगी हाेने के कारण पानी नाखूनाें तक नहीं पहुंच पाता। एेसे में वजू या गुसल काे अधूरा माना जाएगा। यह यहां गाैर फरमाने की बात है कि नमाज पढ़ने के लिए वजू करना बेहद आवश्यक हाेता है आैर जब नेल पॉलिश लगी हाेने पर वजू नहीं कर सकते ताे साफ है कि नेल पॉलिश लगाकर आप नमाज भी नहीं पढ़ पाएंगे। यानि, अगर आपकाें नेल पॉलिश लगानी है ताे किसी विशेष समाराेह में जाने के लिए आप नेल पॉलिश लगा सकती हैं लेकिन आपकाे नमाज पढ़ने के लिए इसे उतारना हाेगा।
मुजफ्फरनगर के तेवड़ा के रहने वाले माेहम्मद तुफैल ने नाखून बढ़ाने काे लेकर भी सवाल किया था। इस सवाल के जवाब में देवबंद दारूल उलूम ने नाखून बढ़ाने काे गलत बताया है। जारी फतवे में देवबंद दारुऊल उलूम की आेर से कहा गया है कि नाखून बढ़ाना जायज नहीं है आैर नाखून समय-समय पर काटते रहना चाहिए। अगर किसी ने छह माह से नाखून नहीं काटे हैं ताे यह आैर भी गलत है आैर समय-समय पर नाखून काटते रहना चाहिए। मुफ्ती अहमद गाैड ने इस फतवे काे सही करार देते हुए कहा है कि नाखून साफ ही रहने चाहिए।