जानिए क्यों की गई
इंटरनेट सेवा बैन दरअसल सहारनपुर में अयोध्या पर फैसला आने से पहले ही सोशल मीडिया (Social Media) पर अफवाहों का दाैर शुरू हाे गया था। फैसले से पहले किसी खुराफाती व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर यह पोस्ट (Post) कर दी थी कि सहारनपुर में 2 दिन बाद कर्फ्यू लगने वाला है। इस पाेस्ट काे जिलाधिकारी ने
फेसबुक और वाट्सऐप हटवाते हुए बयान दिया था कि यह अफवाह है और सहारनपुर में इस तरह की कोई भी बात नहीं है।
अयोध्या फैसले को देखते हुए सहारनपुर को संवेदनशील जिला माना जा रहा था। इसका यह बड़ा कारण भी है कि पिछले दिनों सहारनपुर हिंसक दंगों और जातीय संघर्ष की आग में जल चुका था। विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान देवबंद दारुल उलूम पर भी सबकी निगाह थी। फैसला आने के कुछ ही देर बाद देवबंद में इंटरनेट सेवाएं बंद करा दी गई थी। जिसके बाद पूरे जिले में इंटरनेट सेवाओं को जिलाधिकारी ने बंद करा दिया।
यह अलग बात है कि सहारनपुर के लाेगाें ने अपनी गंगा-जमुनी अपनी तहजीब का परिचय दिया और सभी ने फैसले का स्वागत किया फैसले काे माना। बावजूद इसके जिलाधिकारी आलोक कुमार का कहना है कि एतियातन इंटरनेट सेवाएं बंद कराई गई हैं। अब रविवार को पूछने पर उन्होंने बताया कि रविवार को भी दिनभर इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी और सोमवार को इंटरनेट सेवाएं बहाल होंगी। रविवार काे इंटरनेट सेवाएं बहाल ना हाेने के पीछे छुट्टी का दिन हाेना भी एक वजह मानी जा रही है। अब साेमवार काे इंटरनेट सेवाओं के बहाल हाेने उम्मीद जताई जा रही है। सोमवार दोपहर बाद सहारनपुर में इंटरनेट शुरू हो जाएगा।
चप्पे-चप्पे पर तैनात है force अयोध्या फैसले (Ayodhya Faisla) के बाद से सहारनपुर में पैरामिलिट्री फोर्स और आईटीबीपी के जवान गश्त कर रहे हैं। सहारनपुर पुलिस के अलावा यहां पीएससी के जवान भी लगाए गए हैं। देवबंद से बिहारीगढ़ तक और सरसावा से गागलहेड़ी तक सभी थाना क्षेत्रों में फोर्स गश्त कर रही है और लोगों से बातचीत की जा रही है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।
सहारनपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया है कि अयोध्या फैसले से पहले ही 6000 से अधिक आपराधिक किस्म के लोगों को चिन्हित कर लिया गया था जिन को रेड कार्ड जारी कर दिए गए थे।
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