यह कहानी सहारनपुर के नुमाइश कैंप क्षेत्र के मोहल्ला गोपाल नगर के रहने वाले अरुण की है। मदर्स-डे से पहले अरुण ने अपनी मां को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया। हालत बिगड़ने पर मंगलवार को उसने मां को पिलखनी स्थित मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। यहां उपचार के दौरान अरुण की मां ने दम तोड़ दिया। मां करोना से संक्रमित थी इसलिए बेटे को मिलने भी नहीं दिया गया। बेटा बाहर खड़ा रहा और अंदर मां तड़पती रही। दो दिन बाद चिकित्सकों ने अस्पताल के बाहर खड़े बेटे को उसकी मां का शव थमा दिया।
अपनी मां के शव को देखकर वह सन्न रह गया। अरुण के अनुसार करीब 15 वर्ष पहले हार्टअटैक से पिता भी इस दुनिया से चले गए थे। पिता की मौत के बाद मां ही सब कुछ थी और वही पूरे परिवार का सहारा थी। अरुण इससे आगे कुछ नहीं बोल पाया और सिसकते हुए उसने सिर्फ इतना ही कहा कि आज मां भी हमेशा हमेशा के लिए चली गई। ऐसा ही कुछ सहारनपुर के दिल्ली रोड पर रहने वाले सौरभ के साथ हुआ। साैरभ की मां भी आज मदर्स-डे पर उसे छोड़ कर चली गई। साैरभ ने बताया कि तबियत बिगड़ने पर मां को दिल्ली रोड स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। दाे दिन पहले मां की तबीयत खराब हुई थी। वह साेच ही रहा था कि मदर्स-डे पर मां के लिए क्या लेकर हॉस्पिटल जाए लेकिन इससे पहले ही अस्पताल से खबर आई कि मां नहीं रही। इस घटना के बाद टूट चुके सौरभ ने अपनी फेसबुक वॉल पर सिर्फ यही लिखा कि ‘मेरा सबकुछ उजड़ गया, ”मां चली गई”