सहारनपुर जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स चतुर्वेदी की 12 वर्षीय बेटी शिप्रा को 10 दिन पहले बुखार आया था। पहले शिप्रा का जिला अस्पताल में इलाज किया गया, लेकिन आराम नहीं मिलने पर उसको एक प्राइवेट चिकित्सक के यहां दिखाया गया। इस दौरान कराई गई जांच में शिप्रा को डेंगू की पुष्टि हुई। यह रिपोर्ट बेहद चौका देने वाली थी और स्टाफ नर्स ने अपनी बेटी के मामले में कोई भी रिस्क लिए बगैर उसे उपचार के लिए जोली ग्रांट अस्पताल में भर्ती करा दिया। पिछले 3 दिनों से शिप्रा का हायर सेंटर जोलीग्रांट में इलाज चल रहा था। उपचार के दौरान शिप्रा की तबीयत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। बुधवार सुबह अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। इससे पहले कि डॉक्टर हालात काबू कर पाते शिप्रा ने दम तोड़ दिया।
डेंगू से हुई इस मौत की घटना से जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया है। जिला अस्पताल में हड़कंप मचने का एक कारण यह भी है कि यह बच्ची सहारनपुर जिला अस्पताल के कैंपस में ही रहती थी और अब इस घटना के बाद जिला अस्पताल परिसर में रह रहे अन्य परिवार भी सकते में हैं।
जानिए क्या कहती हैं जिला मलेरिया अधिकारी
जिला मलेरिया अधिकारी शिवांगका गोड का कहना है कि बच्ची की मौत दुखद है। अभी तक उनके पास रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही आधिकारिक रूप से वह बता पाएंगी कि मौत के पीछे के कारण क्या है। बच्ची को डेंगू था या नहीं, इसकी पुष्टि भी रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी।