दरअसल हाल में साध्वी प्राची ने मेरठ पहुंचकर हिंदू पलायन पर अपने बयान से सनसनी फैला दी। वहीं इस बार उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले सभी मदरसों और मस्जिदों की तलाशी होनी चाहिए। उन्होंने बिजनौर में एक मदरसे से हाल ही में मिले हथियार को लेकर कहा कि इस तरह से मदरसे के अंदर से हथियार मिलना हिंदुओं के खिलाफ साजिश है। इस बार कांवड़ियों के साथ कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा ( Kanwar Yatra ) शुरू होने से पहले मस्जिदों और मदरसों की तलाशी होनी जरूरी है।
उनके इस बयान पर मुफ्ती अशद कासमी ने कहा कि इनका हमेशा मकसद यही होता है कि इस तरह की बयानबाजी कर मू्ल्क के हालात खराब करें और हिंदू-मुस्लिम ( hindu-muslim ) को आपस में बांटा जाए। उन्होंने कहा कि साध्वी प्राची को ना तो हिंदू धर्म के बारे में पूरी मालूमात है और ना ही इस्लाम धर्म के बारे में कोई मालूमात है। साध्व प्राची को तो मदरसों ( madrsa ) का इतिहास भी नहीं मालूम कि इन्हीं मदरसों के अंदर अमन और शांति का पैगाम दिया जाता है। इन्हीं मदरसों के सपूतों ने हिंदुस्तान की जंग-ए-आजादी में अहम किरदार अदा किया। अंग्रेज जैसे जालिम लोगों को हिंदुस्तान छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था और अंग्रेजों को भगाने का काम भी इन्हें उलेमाओं ने किया था।