एक इनवेस्टिगेटिव वेब पोर्टल ने एपल के आर्इमैसेज में पाए गए कुछ प्राइवेसी की कमियों के बारे में बताया है। इसके मुताबिक आप आर्इमैसेज के जरिए किससे बात कर रहे हैं इस बात की जानकारी कंपनी के पास होती है और जरूरत पड़ने पर उसे सरकारी एजेंसियों या पुलिस को दे सकती है।
जैसे ही आप एप्पल के आर्इमैसेज एप के जरिए किसी को मैसेज भेजने की कोशिश करते हैं तो एपल के सर्वर में यह जानकारी रिकॉर्ड हो जाती है। इतना ही नहीं आप जिसे मैसेज करते हैं उस कंटेंट की जानकारी भी सर्वर में सेव जाती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक एपज आई मैसेज के जरिए किए गए मैसेज के डेट, टाइम और रिक्वेस्ट अपने सर्वर पर सेल करता है। इसके अलावा भेजने और रिसीव करने वाले डिवाइस की आर्इपी एड्रेस भी रिकॉर्ड करता है। इन सब मेटाडेटा को मिला कर कंपनी यह पता लगा सकती है कि आपका लोकेशन क्या है औप किससे बात कर रहे हैं।
यह सभी जानकारियों एपल सर्वर पर 30 दिनों तक के लिए सेव रहती हैं। एपल चाहे तो ये जानकारियां सरकारी एजेंसियों को कोर्ट ऑर्डर के बाद दे सकता है। हालांकि एपल आईमैसेज के जरिए भेजे गए मैसेज में क्या लिखा है इसे डिकोड नहीं कर सका न ही इसे सेव कर सकता है। एपल ने कहा है कि वैलिड कोर्ट ऑर्डर के बाद वो चुनिंदा मामलों में मामलों में सर्वर लॉग में दर्ज कस्टमर्स का डाटा एजेंसियों को देता है।