सहारनपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी के अनुसार नामजद कराए गए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन पूछताछ करने पर ऐसी जानकारी मिली कि उन्हें द्वेष के कारण नामजद कराया गया है। इसके बाद पूरे मामले की नए सिरे से जांच कराई गई और चौंका देने वाली बातें सामने आई। पूरे मामले की पुन: जांच कराए जाने पर पता चला कि यशपाल की हत्या उसी की भतीजी ने कराई थी। हत्याकांड के पीछे कक्षा 5 से चल रहा प्रेम प्रसंग सामने आया। मृतक यशपाल सिंह की भतीजी शिवानी का मीरगपुर यानि अपने ही गांव के रहने वाले अंकुर पुत्र रविंदर चौधरी से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जानकारी मिली है कि कक्षा 5 से ही दोनों के बीच यह प्रेम प्रसंग चला आ रहा था। दोनों के बीच के संबंध पूरे गांव को पता थे और शिवानी एक बार अंकुर के साथ लापता भी हो गई थी उस दौरान दोनों को चेतावनी दे दी गई थी और दोनों अलग अलग हो गए थे लेकिन एक बार फिर से इनके बीच प्रेम के अंकुर फूटने लगे और बचपन की मोहब्बत का जवानी में जो क्लाइमेक्स सामने आया उसमें शिवानी ने अपनी ही ताऊ की हत्या करा दी। हत्या की इस वारदात को बेहद सफाई से अंजाम दिया गया और हत्या के बाद पुरानी रंजिश में गांव के ही 7 लोगों को नामजद कर दिया गया।
पुलिस ने जब शिवानी और उसके कथित प्रेमी अंकुर पुत्र रविंद्र को गिरफ्तार किया तो दोनों ने बेहद चौंका देने वाली कहानी बताई। अंकुर ने अपने साथी मनीष राठौर के साथ मिलकर हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया था। पूछताछ करने पर अंकुर ने बताया कि उसके और शिवानी के लंबे समय से प्रेम प्रसंग चले आ रहे थे। इन्हीं प्रेम प्रसंग को लेकर वर्ष 2012 में एक बार विवाद भी हुआ था। दोनों शादी करना चाहते थे और शिवानी ने अंकुर से कहा था कि हमारी शादी तो हो लेकिन ताऊजी शादी नहीं होने देंगे। इसी को लेकर अंकुर ने अपने साथी के साथ मिलकर यशपाल की हत्या कर दी।
पुलिस ने इस हत्याकांड में अब सीआरपीसी 169 की धारा का इस्तेमाल किया है। इस धारा के तहत पुलिस एक पत्र न्यायालय को लिखे गी जिसमें न्यायालय से कहा जाएगा कि इस हत्याकांड में कुछ नए सबूत सामने आए हैं और जिन लोगों को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था वह सभी निर्दोष पाए गए हैं। इस आधार पर न्यायालय न्यायिक हिरासत में लिए गए सभी 6 आरोपियों को रिहा करेगा और इस तरह छह निर्दोष लोग जेल से बाहर आएंगे।