अकेले सहारनपुर में 48 पाकिस्तानी रहते हैं। इनमें से अधिकांश लंबी अवधि के वीजे पर हैं। इनके अलावा कुछ अन्य पाकिस्तानी नागरिक छाेटी अवधि के वीजे पर भी सहारनपुर में आते रहते हैं। सहारनपुर के ही देवबंद से जैश-ए-माेहम्मद के सक्रिय आतंकियाें की गिरफ्तारी के बाद अब इन सभी की धड़कनें तेज हाे गई हैं। सहारनपुर के कुतुबशेर थाना क्षेत्र के माेहल्ला ढाेली खाल में रहने वाली रजिया आैर माेहल्ला बांजारान में रहने वाली फरहत हिन्दुस्तान आैर पाकिस्तान की सीमा पर तनाव बढ़ता हुई नहीं देख सकती है। ये दाेनाें ही कई वर्षाें पहले दुल्हन बनकर भारत आई थी आैर आज भारत ही इनका देश है। जब-जब हिन्दुस्तान आैर पाकिस्तान की सरहदाें पर हालात बिगड़ते हैं ताे इन दाेनाें का ही तनाव बढ़ जाता है। दरअसल इनके दिलाें में हिन्दुस्तान बसता है लेकिन पाकिस्तान से भी इनका गहरा नाता रहा है। इसलिए यह हमेशा दाेनाें देशाें के बीच शांति चाहती है। धड़कने बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि बाॉर्डर पर तनाव बढ़ते ही इन्हे यह भी डर सताने लगता है कि कहीं भारत सरकार इनका वीजा रद्द ना कर दे। दरअसल दशकाें से यहीं रही इन महिलाआें काे आज तक भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं हुई है।
सहारनपुर में कुल 48 पाकिस्तानी नागरिक लंबी अवधि के वीजा पर रह रहे हैं आैर इनमे 41 महिलाएँ हैं। इनमें अलीशा एेसी हैं जिनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था लेकिन 70 के दशक में इनकी शादी भारत में सहारनपुर में हुई। अलीशा ढाेली खाल में रहती हैं आैर इन्हे प्रत्येक वर्ष अपने वीजा की अवधि काे बढ़वाना पड़ता है। इसी तरह से करीब 39 साल पहले भारत घूमने आई नजरीना ने भी इन्हाेंने भी सहारनपुर काे अपनी ससुराल बना लिय। इनकी शादी ताे हाे गई लेकिन इन्हे आज तक भारतीय नागरिकता नहीं मिल पाई है। इसलिए इन्हे हर वर्ष अपने वीजे की अवधि बढ़वानी हाेती है। अब अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद इनकी धड़कने बढ़ने लगी हैं आैर इन्हे यह आशंका सता रही है कि यदि बाॉर्डर पर यही हालात रहे ताे कहीं सरकार इनका वीजा भी रदद् ना कर दे।