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सहारनपुर

गजब: सरकार ने आकार घटाया, तो भिखारियों ने 1 रुपये के सिक्के का किया बहिष्कार

साइज छोटा होने के कारण लेने से कर दिया इनकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिक्के का साइज बड़ा करने की अपील

सहारनपुरJan 09, 2018 / 11:33 am

lokesh verma

saharanpur
सहारनपुर/रामपुर. सहारनपुर और रामपुर समेत यूपी के कई जिलों के भिखारियों ने एक रुपये का छोटा सिक्‍का लेने से इनकार कर दिया है। अगर आपकी जेब में एक रुपये का सिक्का है, तो जान लीजिये कि इस सिक्के को आपसे कोई भिखारी भी नहीं लेगा। दरअसल, भिखारियों ने एक रुपए के सिक्के का बहिष्कार कर दिया है। अगर आपको यकीन नहीं होता तो आप किसी भी भिखारी को ₹1 का सिक्का देने की कोशिश कर लीजिए, आपको यही जवाब मिलेगा कि साहब यह नहीं चलता है यह नहीं चाहिए।
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सहारनपुर के भिखारियों ने दी ये दलील

भिखारियों ने ₹1 का सिक्का लेने से आखिर क्यों इनकार कर दिया है। यह जानने के लिए हम सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। यहां पर कुछ ऐसे लोग हमें मिले जो भीख मांग कर अपना पेट भरते हैं। हमने उनसे बात की तो उन्होंने साफ कह दिया कि एक रुपये का सिक्का हम नहीं लेते। बकायदा इन्होंने इसका कारण भी बताया। पूछने पर यह लोग बोले कि एक रुपये के सिक्के को अब दुकानदार भी नहीं लेता। जब वह अपने पास इकट्ठे हुए सिक्कों को लेकर दुकानदार के पास जाते हैं तो वह उन्हें लेने से इनकार कर देता है और इन सिक्कों के बदले में कोई भी सामान नहीं मिलता। ऐसे में उनकी दिनभर की मेहनत भी बेकार जाती है। इसीलिए उन्होंने रुपये एक का सिक्का लेना अब बंद कर दिया है। अगर कोई उनको ₹1 का सिक्का देता है तो वह साफ इनकार कर देते हैं और लेने से मना कर देते हैं।
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50 पैसे के सिक्के की तरह दिखता है एक रुपया

रामपुर के एक भिखारी ने पत्रिका डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि एक रुपये का साइज काफी छोटा है और वो 50 पैसे के सिक्के की तरह दिखता है। इसलिए, हमलोग अब उसे नहीं लेंगे। इतना ही नहीं भिखारियों के साथ-साथ रिक्शा चालक, दुकानदार भी अब एक रुपये का सिक्का लेने से इनकार कर रहे हैं। इसके पीछे सबकी एक ही दलील है कि सिक्के का साइज 50 पैसे के सिक्के की तरह हो गया है।
200 से ज्यादा भिखारी हैं रामपुर में

बता दें कि रामपुर जिले में 200 से ज्यादा भिखारी हैं, जिनमें युवा, युवती, बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। दो भिखारी महिलाओं ने बताया कि हमने एक रुपये का सिक्का लेना इस लिए बंद कर दिया कि हमसे आगे कोई एक रुपए का सिक्का नहीं लेता। उनका कहना था कि हमें भी कुछ खीरदना होता है, जब हमसे नही एक रुपये का सिक्का लिया जाता, तो हम वह सिक्का लेकर क्या करेंगे? वहीं, दूसरी भिखारी महिला का कहना था कि अगर हम एक रुपये का सिक्का देने वाले भाइयों से नहीं लेते तो हमें वह कमेंट करते हैं कि आप मोटे हो गए हैं। उनका कहना था कि वह सिक्का घर में रखे होते हैं, क्योंकि उन सिक्कों को कोई हमसे नहीं लेता।
प्रधानमंत्री से भिखारियों ने की अपील

भिखारियों ने ₹1 का सिक्का लेना तो बंद कर दिया है, लेकिन साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि एक रुपए का जो छोटा सिक्का बनाया गया है, उसका साइज बड़ा किया जाए। दरअसल, भिखारियों को ऐसा लगता है कि सिक्का छोटा होने की वजह से नहीं चलता और दुकानदारों लेने से इनकार कर देता है। इन्हें ऐसा भी लगता है कि अगर सिक्के का साइज वही पुराना हो जाएगा तो दुकानदार उसको लेना शुरू कर देगा। कुछ भिखारियों का यह भी कहना है कि ₹1 का सिक्का ना लेने की वजह से उनके पास इतने पैसे इकट्ठे नहीं हो पा रहे हैं, जितने वह पहले कर लेते थे। बहुत से लोग ₹1 का सिक्का देते हैं, लेकिन जब वह नहीं लेते तो उनका नुकसान हो जाता है। ऐसे में सिक्का देने वाले आगे बढ़ जाते हैं। इस तरह उन्हें नुकसान तो उठाना पड़ रहा है, लेकिन वह चाहते हैं कि इस सिक्के का साइज बड़ा किया जाए। इसके बाद ही वह ₹1 का सिक्का लेना शुरू करेंगे, क्योंकि दुकानदार उनसे वह सिक्का नहीं लेता और उनके इस तरह बेवजह वजन ही इकट्ठा होता है।

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