जानिए क्या है पूरा मामला सहारनपुर के रहने वाले मिन्नी नाम के एक युवक ने नई कार खरीदी और इस पर बैंक से 14 लाख रुपये का लोन करा लिया। इसके बाद मिन्नी ने इस कार को नगद बेच दिया। जब बैंक को इस बात का पता चला तो बैंक को लगा कि लोन कराने वाले ने बैंक के साथ धोखाधड़ी कर दी। दरअसल बैंक ने कार की सिक्योरिटी पर ही लोन किया था लेकिन कार मालिक ने उस कार को ही बेच दिया। इसके बाद बैंक प्रबंधक ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी देते हुए कार मालिक के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने दलाल सिद्धांत सिरोही पुत्र अनिल कुमार सिरोही निवासी जेजे पुरम कॉलोनी समेत लोन कराने वाले मिन्नी वालिया नाम केस दर्ज कर लिया।
बैंक मैनेजर अनुज कुमार के अनुसार मिन्नी वालिया ने सिद्धांत सिरोही के जरिये बैंक से कार का लोन कराया था। फिर कागजों में हेराफेरी करके कार को बेच दिया। इससे बैंक को नुकसान हुआ है। आपको बता दें कि सहारनपुर में इससे पहले भी लोन के वाहनों को नगद में बेचे जाने के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में आप भी सावधान रहिएगा। अगर आप लोन वाले वाहन को खरीद रहे हैं या बेच रहे हैं तो आपके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
ऐसे करें पहचान दरअसल जो भी वाहन लोन पर लिया जाता है उसकी आरसी यानि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर Hypothecation यानी शार्ट में HP लिखा होता है। इसका मतलब यह है कि कार का एक और मालिक हैं जो फाईनेंसर है।वह कोई प्राइवेट फाईनेंसर या बैंक हो सकता है। ऐसे में इस कार या वाहन के दो मालिक होते हैं और जब तक लोन खत्म नहीं हो जाता इस वाहन को बेचा नहीं जा सकता। सहारनपुर में एक ऐसा गैंग सक्रिय है जो कार की आरसी से एचपी हटवा देता है। बाद में लोन पर ली गई कार को नकद बेच दिया जाता है। इस तरह कार लेने वाले के साथ और बैंक के साथ धोखाधड़ी होती है। पुरानी कार को नगद में खरीदने वाले युवक को बाद में पता चलता है कि उसने कार की जितनी कीमत दी है उस कार पर उससे अधिक कीमत का लोन है। ऐसे में खरीददार और बैंक दोनों ही फंस जाते हैं।