आशंका सिर्फ बरसात की नहीं है तेज हवाएं चलने और ओलावृष्टि हाेने की भी आशंका जताई जा रही है। कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर आईके कुशवाह के अऩुसार इस समय बरसात का सबसे अधिक नुकसान किसानों काे हाेगा। दरअसल 26,27 और 28 अप्रैल काे हुई बरसात से वेस्ट के किसानों का काफी नुकसान हुआ है। वर्तमान समय गेहूं की फसल की कटाई और गन्ने की बुआई का है। बेसमय हुई इस बरसात से दाेनाें ही फसलों की कटाई और बुआई प्रभावित हुई है। जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी तक नहीं कटी है उनके लिए यह बरसात आफत की बरसात हाेगी।
आगामी बरसात की आशंका काे देखते हुए माैसम विभाग की ओर से किसानों के लिए सलाह जारी की गई है कि जिन किसानों ने अभी तक अफनी फसल नहीं उठाई है, जिन किसानों की फसल कटी हुई खेत में पड़ी है और जिन किसानों ने अभी तक भूषा नहीं उठाया है वह समय रहते अपनी फसल उठा लें। मई के प्रथम सप्ताह में एक बार फिर से बरसात हाेने की आशंका के बीच समय रहते ही किसानों काे अपनी फसल उठाने की सलाह जारी की गई है।
सरसावा एयरफाेर्स स्टेशन के माैसम विभाग के विशेषज्ञों का मत है कि, मई माह का पहला सप्ताह ताे ठीक निकल जाएगा लेकिन दूसरे सप्ताह तेज हवाओं के साथ बरसात हाेने की आशंका है। यह अलग बात है कि कृषि मौसम विज्ञान विभाग ( Agricultural metorology division ) ने सहारनपुर समेत मुजफ्फरनगर और शामली में तीन व पांच मई काे भी बरसात की आशंका जताई है।