निजीकरण के विरोध में कुर्बानी इस आत्महत्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के नेता शिंगारा सिंह मान और जगसीर सिंह ने कहा कि हमारा किसान नेता निजीकरण के विरोध में कुर्बान हो गया। शव के पास जो तख्ती मिली है, उस पर लिखे शब्दों से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता कि जोगिंदर सिंह ने थर्मल को पुडा के हवाले करने के विरोध में अपनी जान कुर्बान की है। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि अब जिला पुलिस प्रशासन किसान की मौत को हार्ट अटैक से होने का बनाने के लिए जोर लगा रहा है।
क्या कहते हैं किसन नेता किसान यूनियन के उक्त नेताओं ने कहा कि आत्महत्या करने वाले किसान का मोबाइल एवं मोटरसाइकिल के अलावा खुदकुशी नोट भी पुलिस के पास है। उस बारे में पुलिस कुछ भी नहीं बता रही। किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार दस लाख रुपये मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे। इसके अलावा सरकार थर्मल को पुडा के हवाले करने के निर्णय को वापस ले।
क्या कहना है पुलिस का थाना थर्मल प्रभारी एसआई बलविंदर सिंह ने कहा कि पुलिस को सिर्फ किसान का शव बरामद हुआ है। इसके अलावा पुलिस को शव के पास से कोई तख्ती, मोटरसाइकिल या मोबाइल नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि जोगिंदर सिंह की मौत के असल कारण के बारे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलेगा।