scriptकृषि कानूनों का विरोधः 15 अक्टूबर तक रेलवे ट्रैक पर डटे रहेंगे किसान, शुक्रवार को पंजाब जाम | Protest against farm act farmers on railway track Punjab jam on Friday | Patrika News
सैनग्रूर

कृषि कानूनों का विरोधः 15 अक्टूबर तक रेलवे ट्रैक पर डटे रहेंगे किसान, शुक्रवार को पंजाब जाम

उद्देश्य हर कीमत पर पंजाब के किसानों और खेती सैक्टर को बचाना है न कि किसान जत्थेबंदियों को खुश करनाः कैप्टन पंजाब को हो रहा नुकसान, खाद का स्टॉक घट रहा, किसान यूनियनें मालगाड़ियों को रास्ता दें

सैनग्रूरOct 07, 2020 / 11:06 pm

Bhanu Pratap

kisan andolan in Punjab

kisan andolan in Punjab

चंडीगढ़। पंजाब में कृषि कानूनों का विरोध जारी है। अमृतसर और संगरूर में किसान रेलवे ट्रैक पर जमे हुए हैं। किसान जत्थेबंदियों ने घोषणा की है कि 15 अक्टूबर तक रेलवे ट्रैक से नहीं हटेंगे। शुक्रवार को एक बार फिर से पंजाब जाम करने की घोषणा की गई है, लेकिन यह दो घंटे के लिए होगा। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसान यूनियनों को मालगाडिय़ों के रास्ते संबंधी आंदोलन में ढील देने के फ़ैसले पर फिर गौर करने की अपील की है। साथ ही कृषि कानूनों को लेकर पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम देने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
किसानों को बचाना है, जत्थेबंदियों को खुश करना नहीं
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज खेती कानूनों को रद्द करने के लिए विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए किसान यूनियनों की तरफ से दिए एक सप्ताह के अल्टीमेटम को ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि बिलों सम्बन्धी ज़रूरी संशोधन लाने के लिए विधान सभा का विशेष सदन बुला रहे हैं परन्तु सरकार को जल्दी में कदम उठाने के लिए मजबूर करने का अल्टीमेटम देना कोई रास्ता नहीं है। उनका एकमात्र उद्देश्य हर कीमत पर पंजाब के किसानों और खेती सैक्टर को बचाना है न कि किसान जत्थेबंदियों को खुश करना है। उन्होंने कहा कि किसान भाईचारे के हित में अधिक से अधिक जो भी किया जा सकता है, वह उस तरह फ़ैसले लेंगे। मुख्यमंत्री ने आज किसान जत्थेबंदियों की मीटिंग के दौरान यह बात कही।
दबाव या धमकी में काम नहीं
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यूनियनों की तरफ से उनकी रिहायश या कैबिनेट मंत्रियों और कांग्रेसी नेताओं के घेराव की धमकी कोई भी ऐसा फ़ैसला लेने के लिए उनको मजबूर नहीं कर सकती जो आखिर में राज्य के किसानों के लिए घातक सिद्ध होता हो। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वह यूनियनों के दबाव या धमकियों के अधीन किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं करेंगे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही इन खेती बिलों पर आगे बढऩे के लिए इन सभी जत्थेबंदियों से सुझाव लिए थे और वह यह यकीनी बनाऐंगे कि उनकी सरकार के यत्नों में कोई भी रुकावट न आने दी जाये जिससे किसानों के जीवन निर्वाह को बचाने के साथ-साथ उनके बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित बनाया जा सके।
मालगाड़ियां न रोकें
किसान यूनियनों को अपने रेल रोको आंदोलन के दौरान माल गाडिय़ों निकलने देने के लिए उनकी तरफ से अपील को सकारात्मक समर्थन न देने के फ़ैसले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है क्योंकि अपने आंदोलन में ढील न देकर यह जत्थेबंदियाँ किसानों के साथ-साथ राज्य के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को अनाज, खाद और पैट्रोलियम पदार्थों की ढुलाई किये जाने की तत्काल ज़रूरत है। इसके अलावा मंडियों में से धान की फ़सल भी उठाई जानी है जिसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने अक्तूबर तक नकद कर्ज हद के विरुद्ध 30,220 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी है। मुख्यमंत्री ने यूनियनों को अपने फ़ैसलों के साथ किसानों के हित जोखिम में न डालने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 35,552 करोड़ रुपए के नकद कर्ज हद की बाकी राशि नवंबर महीने के लिए मंजूरी देने के मौके पर इस महीने के अंत तक समीक्षा के उपरांत जारी की जायेगी।
खाद का स्टाक घट रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि गेहूँ और चावल का मौजूदा स्टॉक गोदामों में से न उठाया गया तो अगली फ़सल को भंडार करने के लिए जगह नहीं बचेगी। उन्होंने कहा कि राज्य का कोयले का भंडार भी नाजुक स्थिति में है और यदि इस भंडार को जल्द ही न भरा गया तो बिजली की बड़ी कमी पैदा होगी जिससे गेहूँ की बिजाई पर भी प्रभाव पड़ेगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि खाद का स्टॉक भी बहुत घट रहा है जिससे आलू की बिजाई बुरी तरह प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंपों को घेरने से तेल का यातायात भी प्रभावित हो रहा है जिससे ट्रैक्टरों के यातायात और उपज पर प्रभाव पड़ेगा।
किसानों का फैसला और सीएम की अपील
किसान यूनियनों ने आज की मीटिंग में बिना किसी ढील के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन समेत अपना मौजूदा आंदोलन 15 अक्तूबर तक जारी रखने का फ़ैसला किया। वह दोबारा मीटिंग करेंगे। यूनियनों ने शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक राज्य के सभी मुख्य मार्गों को रोकने का फ़ैसला किया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि हालांकि उनकी सरकार किसानों द्वारा अपनी रोज़ी-रोटी को बचाने के लिए शुरू किये संघर्ष में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लडने के प्रति पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है परन्तु किसान यूनियनों के यह फ़ैसले किसानों के हितों में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसले न सिर्फ किसानों के लिए बल्कि राज्य के आम नागरिकों के लिए भी बड़ी मुश्किलों का कारण बनेंगे।

Hindi News/ Sangroor / कृषि कानूनों का विरोधः 15 अक्टूबर तक रेलवे ट्रैक पर डटे रहेंगे किसान, शुक्रवार को पंजाब जाम

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो