ज़िले के माहुली थानाक्षेत्र के देवकली गांव निवासी दीपक सिंह बीते जनवरी महीने में रोज़गार के सिलसिले में मुंबई गया और भिवंडी के इलाके में एक लूम करखाने में काम पकड़ लिया। कोरोना वायरस की महामारी के चलते सरकार ने 21 दिन का लॉक डाउन किया तो करखाना बंद हो गया और मालिक ने हिसाब करके पैसे देकर जगह भी खाली करा दी।
बेरोज़गार और बेघर संदीप ने कई रातें फूटपाथ पर गुज़ारीं। जब धीरे धीरे सारे पैसे ख़त्म हो गए तो फिर उसकी परेशानी और बढ़ गयी। घर जाने का उसका एकमात्र साधन ट्रेन भी बंद हो चुकी थी। दीपक को पैदल ही घर निकलने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं दिखा।
उसने गांव में बताया कि वह चार अप्रैल को घर के लिए चल दिया। नासिक शहर तक पैदल पहुंचा तो वहां से झांसी तक जाने के लिये उसे ट्रैक्टर मिल गया। पर वहां से उसे घर के लिये लगातार पैदल ही सफर करना पड़ा।
पैदल यात्रा करते हुए वह देवकली गांव पहुंचा तो गांव वाले उसे देखकर अचरज में पड़ गए। माता पिता और पत्नी को इसकी जानकारी हुई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन ग्राम प्रधान धनन्जय चौधरी ने तत्काल इससे अधिकारियों को अवगत करा दिया ताकि संदीप की जांच हो जाय। चौधरी ने इसकी सूचना त्वरित जिम्मेदार अधिकारी को देकर स्वास्थ्य परीक्षण करने की मांग की है।