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सतना

घेंघा रोग तथा एनीमिया को दूर करेगी लाल भिंडी ‘शारदाÓ

एकेएस विवि ने विकसित की भिंडी की नई किस्म

सतनाNov 20, 2019 / 01:34 am

Sukhendra Mishra

एकेएस विवि ने विकसित की भिंडी की नई किस्म

एकेएस विवि ने विकसित की भिंडी की नई किस्म

सतना. अभी तक आपने हरी भिंडी देखी और खाई होगी, अब मंडियों में पहली बार लाल भिंडी आने वाली है। यह ऑयरन व ऑयोडीन से भरपूर होने के साथ ही खाने में भी हरी भिंड़ी से अधिक स्वादिष्ट होगी। लाल भिंडी की नई किस्म एकेएस यूनिवर्सिटी के उद्यान विभाग ने विकसित की है। लाल भिंडी का नाम मैहर वाली माता के नाम पर शारदा रखा गया है।
हरी भिंडी की प्रजनक डॉ. विनीता देवी सहायक प्राध्यापक अनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग ने बताया, नई किस्म के सीओ-१ भिंडी के बीज को इएमएस नामक रसायन से २४ घंटे तक उपचारित कर उत्परिवर्तन प्रजनन विधि द्वारा विकसित किया गया है। लाल भिंडी का सेवन करने से महिलाओं का घेंघा तथा एनीमिया रोग दूर होगा। भिंडी की नई प्रजाति शारदा को लॉन्च करते हुए विवि के प्रतिकुलाधिपति इंजी. अनंत कुमार सोनी ने कहा कि औषधीय गुणों वाली नई किस्म की भिंडी के बीज किसानों को पहलो आओ पहले पाओ की तर्ज पर मुफ्त में वितरित किए जाएंगे। हमंे विश्वास है कि अधिक उपज देने वाली शारदा जिले के सब्जी उत्पादन किसानों की आर्थिक आय में वृद्धि करेगी। इस अवसर पर डा.पीके बनिक, कुलपति डॉ. आरएस त्रिपाठी, हर्षवर्धन श्रीवास्तव,जीके प्रधान,सहित सभी संकायों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
सालभर ले सकते हैं उत्पादन
भारत के जाने माने उद्यानविद् व उद्यान विभाग के निदेशक डॉ. केआर मौर्य ने बताया कि विश्व में भारत सब्जी उत्पादन में चीने के बाद दूसरे तथा भिंडी उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। देश में भिंडी की कई प्रजातियां हैं, लेकिन लाल भिंडी का अभाव था। इसे पूरा करने की कोशिश सतना से हुई है। शारदा किस्म की भिंडी की विशेषता यह है कि इसकी सालभर यानी बरसात और गर्मी दोनों सीजन में बोवनी की जा सकती है। यह प्रजाति भिंडी में बहुतायत में लगने वाले मोजेक रोग से मुक्त है।

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