विकास योजना के बहाने शहरवासियों के हितों पर चोट
सतना शहर के सुनियोजित विकास के लिए नगर तथा ग्राम निवेश की ओर से पहली विकास योजना 2001 में तैयार की गई थी। इसके बाद दूसरी विकास योजना 2010 में तैयार की गई जो 2021 तक के लिए थी। अब 2021 में सतना शहर की तीसरी विकास योजना तैयार की गई है जिसे 2035 के हिसाब से तैयार किया गया है। लेकिन इस विकास योजना को तैयार करने वालों ने शहर में रहने वालों के हितों पर बड़ी चोट गुपचुप तरीके से कर दी है। विकास योजना में तकनीकि शब्दावली के आधार पर किये गए इस फेरबदल को आम नागरिक तो समझ नहीं पाया लेकिन जब यह लागू होगी शहरवासी ठीक उसी तरह खुद को छला हुआ महसूस करेंगे जिस तरीके से शहर का संपत्ति कर गुपचुप तरीके से बढ़ा दिया और अब इस पर कोई सुधार नहीं हो सका है।
एफएआर घटा कर निर्माण एरिया कम किया
सतना विकास योजना 2035 में सबसे बड़ा खेल एफएआर के नाम पर किया गया है। इस शब्द को सामान्य तौर पर इंजीनियर और आर्कीटेक्ट ही समझ सकते हैं लेकिन आम जन नहीं। यहीं पर शहरवासियों के हितों पर बड़ी चोट कर दी गई। सतना विकास योजना 2021 में आवासीय भूखण्ड विकास नियमन सारणी के अनुसार भूखंडों का एफएआर 1.5 से लेकर 3 तक था। लेकिन सतना विकास योजना 2035 में एफएआर घटा कर सभी प्रकार के भूखंडों में 1.25 कर दिया। सामान्य भाषा में कहा जाए तो लोग अब अपनी जमीन पर पहले की तुलना में कम क्षेत्र का निर्माण कार्य कर सकेंगे।
ऐसे समझे एफएआर को
मान लीजिए कि आपका प्लाट 20 बाई 50 अर्थात 1000 वर्ग फीट का है। जहां यह प्लाट है वहां के लिए निर्धारित एफएआर 1.5 है तो निर्माण किया जाने वाले कुल फ्लोर एरिया 1500 वर्ग फीट (1000 गुणे 1.5) होगा। अर्थात आप अपने ग्राउण्ड फ्लोर पर 1000 वर्ग फीट और फर्स्ट फ्लोर पर 500 वर्ग फीट का निर्माण कर सकते हैं। लेकिन एफएआर को घटा कर 1.25 कर दिया जाए तो आपका कुल फ्लोर एरिया घट कर 1250 वर्ग फीट हो जाएगा। अर्थात पहले की तुलना में फर्स्ट फ्लोर में आपको 250 वर्ग फीट कम निर्माण का अनुमति होगी। यही खेल इस बार विकास योजना में कर दिया गया है। अर्थात लोगों के पास जमीन होने के बाद भी कम निर्माण की अनुमति मिल सकेगी।
लैण्ड यूज पर भी बड़ा खेल
जमीन की उपयोगिता के नाम पर भी बड़ा खेल सतना विकास योजना में कर दिया गया है। 2021 तक की जो विकास योजना थी उसमे भूमि के जो मुख्य उपयोग तय किये गए थे उनमें आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक थे। इसके अलावा सार्वजनिक अर्ध सार्वजनिक, आमोद प्रमोद, यातायात परिवहन भी थे। विकास योजना में जहां भूमि का जैसा उपयोग तय किया जाता है वहां पर उसी तरह के भवन की अनुमति मिलेगी। नई विकास योजना 2035 में इस बार एक नया लैण्ड यूज जोड़ा गया ‘मिश्रित’ अर्थात संबंधित भूखंड पर व्यावसायिक और आवासीय दोनों भवन बनाए जा सकते हैं। सामान्य भाषा में समझें तो जहां पर मिश्रित जमीन विकास योजना में दिखाई गई है वहां पर ग्राउंड फ्लोर में व्यावसायिक प्रयोजन और फर्स्ट फ्लोर रहवास के लिए उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यहां भी गुपचुप तरीके से बड़ा खेल कर दिया गया। ऐसे क्षेत्र जो मिश्रित उपयोग के हो सकते हैं उन्हें आवासीय उपयोग के लिए तय कर दिया गया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोठी तिराहे से शुरू होने वाली कोठी रोड है। इस स्टेट हाइवे के दोनों किनारे को आवासीय घोषित कर दिया गया है। ऐसे में इस रोड के किनारे व्यावसायिक भवन अर्थात दुकानें बनाने की अनुमति विकास योजना के विपरीत होगी। यह अकेला इलाका नहीं है। ऐसे तमाम इलाके जो मिश्रित की श्रेणी में आ सकते थे उन्हें आवासीय एरिया में रख दिया गया है।
” अगर ऐसा है तो यह काफी गंभीर मामला है। इसे तत्काल दिखवाया जाएगा। इसकी विस्तार से जानकारी लेते हैं। ”
– गणेश सिंह, सांसद
” यह शहर वासियों के साथ बड़ा धोखा है। इस मामले को विधानसभा में तो उठाएंगे ही साथ ही इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। ”
– सिद्धार्थ कुशवाहा, विधायक सतना
” जनता को जानकारी दिए बिना टीएनसीपी ने अव्यवहारिक प्लान तैयार किया है। वास्तविक धरातल पर इसे लागू करने में न केवल मुश्किल होगी बल्कि हर आम आदमी परेशान होगा। यह लूट की योजना है जिसका पालन नहीं हो सकेगा और इसी के आधार पर अवैध वसूली का खेल किया जाएगा। इसे लागू नहीं होना चाहिए और इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। ”
– द्वारिका गुप्ता, अध्यक्ष विन्ध्य चेंबर ऑफ कॉमर्स
सतना शहर के सुनियोजित विकास के लिए नगर तथा ग्राम निवेश की ओर से पहली विकास योजना 2001 में तैयार की गई थी। इसके बाद दूसरी विकास योजना 2010 में तैयार की गई जो 2021 तक के लिए थी। अब 2021 में सतना शहर की तीसरी विकास योजना तैयार की गई है जिसे 2035 के हिसाब से तैयार किया गया है। लेकिन इस विकास योजना को तैयार करने वालों ने शहर में रहने वालों के हितों पर बड़ी चोट गुपचुप तरीके से कर दी है। विकास योजना में तकनीकि शब्दावली के आधार पर किये गए इस फेरबदल को आम नागरिक तो समझ नहीं पाया लेकिन जब यह लागू होगी शहरवासी ठीक उसी तरह खुद को छला हुआ महसूस करेंगे जिस तरीके से शहर का संपत्ति कर गुपचुप तरीके से बढ़ा दिया और अब इस पर कोई सुधार नहीं हो सका है।
एफएआर घटा कर निर्माण एरिया कम किया
सतना विकास योजना 2035 में सबसे बड़ा खेल एफएआर के नाम पर किया गया है। इस शब्द को सामान्य तौर पर इंजीनियर और आर्कीटेक्ट ही समझ सकते हैं लेकिन आम जन नहीं। यहीं पर शहरवासियों के हितों पर बड़ी चोट कर दी गई। सतना विकास योजना 2021 में आवासीय भूखण्ड विकास नियमन सारणी के अनुसार भूखंडों का एफएआर 1.5 से लेकर 3 तक था। लेकिन सतना विकास योजना 2035 में एफएआर घटा कर सभी प्रकार के भूखंडों में 1.25 कर दिया। सामान्य भाषा में कहा जाए तो लोग अब अपनी जमीन पर पहले की तुलना में कम क्षेत्र का निर्माण कार्य कर सकेंगे।
ऐसे समझे एफएआर को
मान लीजिए कि आपका प्लाट 20 बाई 50 अर्थात 1000 वर्ग फीट का है। जहां यह प्लाट है वहां के लिए निर्धारित एफएआर 1.5 है तो निर्माण किया जाने वाले कुल फ्लोर एरिया 1500 वर्ग फीट (1000 गुणे 1.5) होगा। अर्थात आप अपने ग्राउण्ड फ्लोर पर 1000 वर्ग फीट और फर्स्ट फ्लोर पर 500 वर्ग फीट का निर्माण कर सकते हैं। लेकिन एफएआर को घटा कर 1.25 कर दिया जाए तो आपका कुल फ्लोर एरिया घट कर 1250 वर्ग फीट हो जाएगा। अर्थात पहले की तुलना में फर्स्ट फ्लोर में आपको 250 वर्ग फीट कम निर्माण का अनुमति होगी। यही खेल इस बार विकास योजना में कर दिया गया है। अर्थात लोगों के पास जमीन होने के बाद भी कम निर्माण की अनुमति मिल सकेगी।
लैण्ड यूज पर भी बड़ा खेल
जमीन की उपयोगिता के नाम पर भी बड़ा खेल सतना विकास योजना में कर दिया गया है। 2021 तक की जो विकास योजना थी उसमे भूमि के जो मुख्य उपयोग तय किये गए थे उनमें आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक थे। इसके अलावा सार्वजनिक अर्ध सार्वजनिक, आमोद प्रमोद, यातायात परिवहन भी थे। विकास योजना में जहां भूमि का जैसा उपयोग तय किया जाता है वहां पर उसी तरह के भवन की अनुमति मिलेगी। नई विकास योजना 2035 में इस बार एक नया लैण्ड यूज जोड़ा गया ‘मिश्रित’ अर्थात संबंधित भूखंड पर व्यावसायिक और आवासीय दोनों भवन बनाए जा सकते हैं। सामान्य भाषा में समझें तो जहां पर मिश्रित जमीन विकास योजना में दिखाई गई है वहां पर ग्राउंड फ्लोर में व्यावसायिक प्रयोजन और फर्स्ट फ्लोर रहवास के लिए उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यहां भी गुपचुप तरीके से बड़ा खेल कर दिया गया। ऐसे क्षेत्र जो मिश्रित उपयोग के हो सकते हैं उन्हें आवासीय उपयोग के लिए तय कर दिया गया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोठी तिराहे से शुरू होने वाली कोठी रोड है। इस स्टेट हाइवे के दोनों किनारे को आवासीय घोषित कर दिया गया है। ऐसे में इस रोड के किनारे व्यावसायिक भवन अर्थात दुकानें बनाने की अनुमति विकास योजना के विपरीत होगी। यह अकेला इलाका नहीं है। ऐसे तमाम इलाके जो मिश्रित की श्रेणी में आ सकते थे उन्हें आवासीय एरिया में रख दिया गया है।
” अगर ऐसा है तो यह काफी गंभीर मामला है। इसे तत्काल दिखवाया जाएगा। इसकी विस्तार से जानकारी लेते हैं। ”
– गणेश सिंह, सांसद
” यह शहर वासियों के साथ बड़ा धोखा है। इस मामले को विधानसभा में तो उठाएंगे ही साथ ही इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। ”
– सिद्धार्थ कुशवाहा, विधायक सतना
” जनता को जानकारी दिए बिना टीएनसीपी ने अव्यवहारिक प्लान तैयार किया है। वास्तविक धरातल पर इसे लागू करने में न केवल मुश्किल होगी बल्कि हर आम आदमी परेशान होगा। यह लूट की योजना है जिसका पालन नहीं हो सकेगा और इसी के आधार पर अवैध वसूली का खेल किया जाएगा। इसे लागू नहीं होना चाहिए और इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। ”
– द्वारिका गुप्ता, अध्यक्ष विन्ध्य चेंबर ऑफ कॉमर्स