तीसरे दिन आंदोलन की शुरुआत कौमी ताराना से हुई। महिलाओं ने हिदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। वक्ताओं ने सीएए व एनआरसी कानून की जानकारी लोगों को दी। बताया गया कि यह काला कानून किसी धर्म विशेष के लोगों पर नहीं देश के हर नागरिक पर थोपा जा रहा है। जानकारी नहीं होने के कारण कुछ लोग कानून को अभी तक समझ नहीं पाए हैं। धरने पर बैठे लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस सरकार को अपनी नागरिकता के कागज नहीं दिखाएंगे। धरना स्थल पर वक्ता के रूप में मौलाना मुजफ्फर, मौलाना अब्दुल्ला हाफिज, मकसूद अहमद, सईद अहमद,मशहूद अहमद, रेयाजुद्दीन, परवेज नवाज, तस्मीन फातिमा, शाहीन अंसारी, वसीम बानो सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
इन्होंने दिया इस्तीफा
पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वालों में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी आफताब अहमद, वसित अहमद, मोइन खान, शमशाद कुरैशी, उस्मान, रईस भाई, शहंशाह, असलम, राजा खान, उजैर रहमान, मो.अकबर, आफिज मसूद रजा, यासीम कुरैशी सहित ५० से अधिक पार्टी कार्यकर्ता शाामिल हैं।
मैं आज जिला मुख्यालय से बाहर था इसलिए मुझे किसी पदाधिकारी के इस्तीफा देने की जानकारी नहीं है। हो सकता है पार्टी कार्यालय में पत्र भेजा हो कल कार्यालय पहुंच कर इसकी जानकारी लंूगा।
नरेन्द्र त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष भाजपा सतना