पुस्तक में एक शब्द कई बार प्रयोग, हर बार बदल जाता है अर्थ
पुस्तक समीक्षा गोष्ठी:रामचरितमानस की शब्दावली का सांस्कृतिक अनुशीलन पुस्तक एक धरोहर
सतना. अखिल भारतीय बुंदेलखंड लोक साहित्य एवं संस्कृति परिषद सतना इकाई द्वारा क्लब भवन में समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. विवेक श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक रामचरितमानस की शब्दावली का सांस्कृतिक अनुशीलन की समीक्षा डॉ. सतेंद्र शर्मा द्वारा की गई । उन्होंने कहा यह पुस्तक सांस्कृतिक धरोहर है। इसमें एक ही शब्द को कई बार प्रयोग किए, जिनके हर जगह इस्तेमाल किए जाने पर अर्थ बदल गए। इस पुस्तक के माध्यम से एक ही शब्द के कई अर्थ के बारे में जानकारी होती है। पुस्तक को शोध के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है । कई आंचलिक बोलियों का समावेश है, जिसे लोग भूलते जा रहे थे। यह पुस्तक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी । प्रयाग से आई प्रोफेसर डॉ. प्रीति श्रीवास्तव ने डॉ. विवेक के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। साथ ही उनकी पुस्तक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मंच संचालन राम दास गर्ग द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलपति योगेश दुबे, विशिष्ट अतिथि डॉ. आत्माराम तिवारी, साहित्यकार संतोष खरे, साहित्यकार, लेखक प्रहलाद अग्रवाल के साथ साहित्यकार चिंतामणि मिश्रा, विष्णु स्वरूप, रामयश बागरी, अनिल आयान श्रीवास्तव, अजय तिवारी, श्रीराम मिश्रा, वंदना दुबे, गोरखनाथ अग्रवाल, गणेश बैरागी, रमेश सिंह, रामनरेश तिवारी, निर्मला सिंह, डॉ. प्रवीण श्रीवास्तव मौजूद रहे। कार्यक्रम रोटरी परिवार एवं कायस्थ समाज के सौजन्य से संपन्न कराया गया।