script‘लोहे की चैन से बंधे थे दोनों शव, जाली में लपेट कर नदी में फेंका था | Both the bodies were bound by iron chain | Patrika News

‘लोहे की चैन से बंधे थे दोनों शव, जाली में लपेट कर नदी में फेंका था

locationसतनाPublished: Jun 18, 2019 12:08:48 am

Submitted by:

Vikrant Dubey

प्रियांश-श्रेयांश हत्याकांड: विशेष न्यायालय में गवाहों ने दर्ज कराए बयान

Both the bodies were bound by iron chain

Both the bodies were bound by iron chain

सतना. चित्रकूट के प्रियांश-श्रेयांश हत्याकांड मामले में दस्यु प्रभावित क्षेत्र अंतर्गत गठित विशेष न्यायालय सतना प्रदीप कुशवाह की अदालत में सोमवार को तीन गवाहों के बयान दर्ज किए गए। प्रियांश और श्रेयांश की यमुना नदी से लाश निकालने वाले मल्लाह ने कोर्ट से कहा कि साहब दोनों मासूमों के शव लोहे की चैन से बंधे हुए थे। दोनों मासूमों को जाली में लपेट कर और पत्थर रख नदी में फेंक दिया गया था।
जिले के बहुचर्चित प्रियांश-श्रेयांश हत्याकांड के आरोपियों की निशानदेही पर यमुना नदी के अवगासी घाट से दोनों मासूमों के शव बरामद किए गए थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि योगिनी माता मंदिर के सामने अवगासी घाट पर मासूमों की हत्या के बाद लाश फेंक दी है। पुलिस को मासूमों के शव उसी स्थान से प्राप्त हुए थे। मामले में विशेष न्यायालय के आदेश पर पांच गवाहों वसीम अहमद कु रैशी, नरैनी, गुलाब निषाद (मल्लाह), अभिषेक द्विवेदी, यूसुफ अली और रवि त्रिपाठी को १७ जून को बयान दर्ज कराने समन जारी किया गया था। सोमवार को तीन गवाहों वसीम अहमद कुरैशी, अभिषेक द्विवेदी और गुलाब निषाद (मल्लाह) के बयान दर्ज किए गए। दो गवाह रवि त्रिपाठी और यूसुफ अली के बयान समय समाप्त हो जाने के चलते अब 19 जून को दर्ज कराए जाएंगे।
कोर्ट के बाहर भी स्वीकार किया अपराध

दूसरे गवाह अभिषेक द्विवदी ने कोर्ट को बताया कि वह इलाहाबाद में किराए के कमरे में रहकर यूनियन कॉलेज में पढ़ाई करता है। आरोपी लकी तोमर वारदात को अंजाम देने के बाद फिरौती की रकम दो लाख रुपए लेकर उसके कमरे में पहुंचा। वहां से दोनों नई बाइक खरीदने अर्तरा पहुंचे। लकी ने वाहन खरीदने में अभिषेक के आधार कार्ड का उपयोग किया था। उसने अभिषेक से झूठ बोला था कि वह अपना आधार कार्ड भूल गया है। दोनों जैसे ही बाइक खरीदकर शोरूम से बाहर आए लकी के मोबाइल पर पुलिस का फोन पहुंचा। तब शोरूम के बाहर लकी ने अभिषेक के सामने स्वीकार किया था कि उन लोगों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। यह सुनकर वह दंग रह गया था।
जिसके मोबाइल से कॉल किया उसने भी पहचाना
नरैनी निवासी वसीम अहमद कुरैशी फिरोज की शादी में आया हुआ था। उसका मोबाइल लेकर आरोपियों ने इंटरनेट कॉलिंग कर प्रियांश-श्रेयांश के परिजनों से बात की थी। कोर्ट के सामने भी वसीम ने अपने बयान की पुष्टि की। बता दें कि वसीम ने पहचान परेड के दौरान भी आरोपियों की सेंट्रल जेल में पहचान की थी।
अभी तक 11 गवाहों के बयान

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत में 86 गवाहों की साक्ष्य सूची प्रस्तुत की है। 29 से 31 मई तक न्यायालय के समक्ष आठ गवाहों के कथन हुए। सोमवार को तीन गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अभी तक कुल ग्यारह गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
सभी आरोपियों को कोर्ट में किया पेश
मामले के आरोपी पदम शुक्ला पिता रामकर्ण शुक्ला, आलोक उर्फ लकी तोमर पिता सत्येंद्र सिंह उर्फ मुन्ना, विक्रम सिंह पिता प्रहलाद सिंह, राजू द्विवेदी पिता राकेश द्विवेदी, पिंटा उर्फ अपूर्व यादव पिता रामनरेश यादव को विशेष न्यायालय में सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच पेश किया गया। सभी आरोपियों के खिलाफ बुधवार से भादवि की धारा 147, 148, 149, 120 बी, 201, 302, 364, 364 ए, 368, 344, 348, सहित 11/13 एडी एक्ट के तहत ट्रायल शुरू हुआ।आरोपी राजू द्विवेदी के खिलाफ आम्र्स एक्ट के तहत आरोप तय हुआ है।
बिजली की ट्रिपिंग के चलते बयान दर्ज कराने में अवरोध

कोर्ट में जब गवाहों के बयान चल रहे थे तब बार-बार ट्रिपिंग हो रही थी। इसके चलते गवाहों के बयान दर्ज कराने में अवरोध पैदा हो रहा था। ट्रिपिंग के चलते दो गवाह रवि त्रिपाठी और यूसुफ के बयान दर्ज नहीं हो पाए। अधिवक्ताओं के प्रतिवाद दिवस मनाने के कारण 18 को बयान नहीं हो पाएंगे। दोनों गवाहों के 19 जून को बयान दर्ज किए जाएंगे।

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