सोमवार को कोतवाली बैढऩ में बिलौंजी निवासी रामनरेश शाह ने शिकायत देते हुए बताया कि एक व्यक्ति फर्जी पुलिस बनकर लूट के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहा है। यह बोलकर वापस गया है कि पुन: आने के बाद पैसे नहीं मिले तो गंभीर अपराध में जेल भेज दूंगा। वहीं बताया कि वर्दी पर नेम प्लेट में सूरज धुर्वे नाम लिखा हुआ था और खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर गया है। शिकायत सुनने के बाद टीआई मनीष त्रिपाठी ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए पुलिस टीम के साथ अज्ञात आरोपी की पतासाजी में जुट गए।
बरगवां रेलवे स्टेशन पर दबिश देते हुए पुलिस टीम ने घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम सूरज धुर्वे और रामनरेश पटेल आदि बताकर गुमराह करने की कोशिश की। जबकि उसका सही नाम भगवानदास पनिका (25) पिता रामलाल पनिका निवासी माटा गड़ई थाना जियावन है। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 171, 419, 420, 390 के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया है।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनने का शौक था। वह अपने बचपन का शौक पूरा करने के लिए नकली पुलिस अधिकारी बनकर कमाई करने लगा। इस शौक को पूरा करने के चक्कर में लगभग प्रदेश के कई जिलों में दबोचा गया है। जेल से छूटने के बाद ठिकाना बदलकर वसूली करने में संलिप्त हो जाता था।
गिरफ्तार नकली एसपी आदतन अपराधी है और फर्जी अफसर बनकर लंबे समय से वसूली का काम कर रहा है। जबलपुर, सतना व नरसिंहपुर में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर वसूली के मामले में जेल जा चुका है। पिछले साल एक महिला व चालक के साथ मिलकर वसूली के आरोप में नरसिंहपुर पुलिस ने इसे जेल भेजा था। आठ माह की सजा काटने के बाद जेल से रिहा हुआ और सिंगरौली जिले को अपना निशाना बनाकर नकली एसपी बनकर वसूली का काम शुरू कर दिया।