पुलिस की नजर में ऑन लाइन ठगी के मामले असंज्ञेय अपराध
सीआरपीसी की धारा 155 के तहत दर्ज की जा रही शिकायत, हर रोज सामने आ रहे नए मामले
Cases of online fraud are undetectable
सतना. मोबाइल फोन पर लिंक भेजकर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह अब भी सक्रिय हैं। लोगों के खून पसीने की कमाई एक झटके में उनके खाते से चली गई और पुलिस इस अपराध को असंज्ञेय मान रही है। यानि पुलिस हस्तक्षेप योग्य यह मामला है ही नहीं। जिले के कई थानों में इस तरह की शिकायतें दर्ज की गई हैं। कानून के जानकारों का कहना है कि इस तरह के अपराध को असंज्ञेय मानना गलत है।
केस-1
धवारी गली नंबर पांच मल्लाहन टोला में रहने वाले जमुना प्रसाद प्रजापति ने 10 मई को थाना सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। उनकी रिपोर्ट थी कि 8 मई को उनके फोन पर 8927259897 नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने फोन अपडेट करने लिंक भेजा और फिर अगले दिन उनके खाते से पांच हजार रुपए कट गए। इसके अगले दिन 10 मई को पांच बार में पांच- पांच हजार रुपए गायब हुए। इस शिकायत को असंज्ञेय मानते हुए सीआरपीसी की धारा 155 की रिपोर्ट लिखी गई।
केस-2
थाना कोलगवां में 20 मार्च को फरियादी विद्या प्रकाश मिश्रा निवासी हनुमान नगर नई बस्ती ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उन्होंने 19 मार्च को अपने खाते से 10 हजार रुपए एटीएम के जरिए निकाले। इसके कुछ देर बाद ही उनके खाते से एटीएम के जरिए 10 हजार रुपए किसी व्यक्ति ने आहरित कर लिए। जबकि वह उस वक्त बैंक में पासबुक पर इंट्री कराने पहुंचे थे। इस तरह फरियादी के साथ अपराध घटिक हुआ। इस मामले में भी सीआरपीसी की धारा 155 की कायमी की गई।
“कुछ थाना प्रभारियों को इस तरह के मामलों में आवश्यक निर्देश दिए हैं। आइपीसी की धारा ४२४ के तहत आने वाले मामलों में कार्रवाही की गई है। न्यायालय के निर्देश पर इन मामलों में जांच की जा सकेगी।”
– रियाज इकबाल, एसपी
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