रुकेगा फ र्जीवाड़ा
बोर्ड की मानें तो प्रैक्टिकल के दौरान स्कूलों में बहुत फ र्जीवाड़ा होता है। 2019 के प्रैक्टिकल के दौरान एक्सटर्नल ने कई शिकायतें सीबीएसई से की थीं। कई केंद्रों पर तो कागजों पर ही प्रैक्टिकल के अंक दे दिए गए। सीबीएसई को सूचना मिली है कि एक्सटर्नल और स्कूल प्रशासन के बीच पैसे का लेन- देन होता है, जिसके तहत यह कदम उठाया जा रहा है।
बोर्ड की मानें तो प्रैक्टिकल के दौरान स्कूलों में बहुत फ र्जीवाड़ा होता है। 2019 के प्रैक्टिकल के दौरान एक्सटर्नल ने कई शिकायतें सीबीएसई से की थीं। कई केंद्रों पर तो कागजों पर ही प्रैक्टिकल के अंक दे दिए गए। सीबीएसई को सूचना मिली है कि एक्सटर्नल और स्कूल प्रशासन के बीच पैसे का लेन- देन होता है, जिसके तहत यह कदम उठाया जा रहा है।
प्रैक्टिकल न देने वाले छात्रों को एग्जाम नहीं देने दिया जाएगा इस बार बड़े पैमाने पर सीबीएसई उन छात्रों को पकडऩे की तैयारी में है, जिन्होंने 2018 में 11वीं में फ्लाइंग नामांकन लिया था। 2018 में 11वीं में नामांकन लेने वाले छात्र 2020 में 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। ये छात्र नामांकित तो शहर में हैं, लेकिन शहर से बहार इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कर रहे हैं। अगर ये छात्र 2020 के प्रैक्टिकल में शामिल नहीं होंगे तो उन्हें परीक्षा नहीं देने दी जाएगी।
जहां लैब नहीं, वहां प्रैक्टिकल नहीं
सीबीएसई इस बार से उन स्कूलों की जांच करेगा, जहां पर लैब की सुविधा नहीं है। जिन स्कूलों में लैब नहीं होगी, वहां पर प्रायोगिक परीक्षा का केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इन स्कूलों के छात्रों को दूसरे स्कूल में केंद्र बनाकर प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी।
सीबीएसई इस बार से उन स्कूलों की जांच करेगा, जहां पर लैब की सुविधा नहीं है। जिन स्कूलों में लैब नहीं होगी, वहां पर प्रायोगिक परीक्षा का केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इन स्कूलों के छात्रों को दूसरे स्कूल में केंद्र बनाकर प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी।
ये होंगे फ ायदे मेधावी छात्र की पहचान हो पाएगी, गलत तरीके से स्कूल प्रैक्टिकल नहीं ले पाएंगे।
गलत परीक्षार्थी को पकड़ा जा सकेगा, मनमानी करने वाले स्कूल पकड़े जा सकेंगे।
गलत परीक्षार्थी को पकड़ा जा सकेगा, मनमानी करने वाले स्कूल पकड़े जा सकेंगे।