वैज्ञानिक अधिकारी ने कोर्ट को बताया, दोनों मासूमों का जिस स्थान से अपहरण किया गया था, अपरहरण के बाद जिस घर पर रखा गया था, हत्या के बाद मासूमों को जंजीर व जाली बांध कर जिस घाट पर फेंका गया था। इन सभी स्थलों का उन्होंने निरीक्षण कर भौतिक साक्ष्यों का अवलोकन किया था। घटना स्थाल का नक्शा बनाया था। इस पूरी जांच प्रक्रिया का प्रतिवेदन तैयार कर महकमे को सौंपा था। वैज्ञानिक अधिकारी ने सौपे गए प्रतिवेदन की कोर्ट के सामने पुष्टि भी की।
दो आरक्षकों ने भी दर्ज कराए बयान
इसके अलावा दो आरक्षकों ने भी विशेष न्यायालय में बयान दर्ज कराए। एक आरक्षक ने कोर्ट को बताया, उसने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां से फरियादी सहित आरोपियों के रक्त के नमूने डीएनए और एफएसएल जांच करने लिया था। आरक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने बताया, बच्चों की जिस घाट में लाश बरामद की गई थी। वह उप्र के मर्का थाना में आता है। बच्चों का पीएम मर्का थानांतगर्त कराया गया था। बच्चों के कपड़े, जंजीर, जाली सहित अन्य सामग्री सीलबंद हालत में मर्का थाना से उसे प्राप्त हुई थी। यह पूरी सामग्री सील बंद हालत में ही उसने पुलिस थाना नयागांव को सौंपा था।
इसके अलावा दो आरक्षकों ने भी विशेष न्यायालय में बयान दर्ज कराए। एक आरक्षक ने कोर्ट को बताया, उसने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां से फरियादी सहित आरोपियों के रक्त के नमूने डीएनए और एफएसएल जांच करने लिया था। आरक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने बताया, बच्चों की जिस घाट में लाश बरामद की गई थी। वह उप्र के मर्का थाना में आता है। बच्चों का पीएम मर्का थानांतगर्त कराया गया था। बच्चों के कपड़े, जंजीर, जाली सहित अन्य सामग्री सीलबंद हालत में मर्का थाना से उसे प्राप्त हुई थी। यह पूरी सामग्री सील बंद हालत में ही उसने पुलिस थाना नयागांव को सौंपा था।
मामले की सुनवाई अब ४ से
दस्यु प्रभावित क्षेत्र के अंतगर्त गठित विशेष न्यायालय प्रदीप कुशवाह की अदालत ने अब मामले की सुनवाई के लिए 4, 5 और 6 नवंबर की तारीख तय की है। इस दौरान 4 नवंबर को तीन, 5 नवंबर को एक और 6 नवंबर को चार गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। यानी तीन दिन में 8 गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
दस्यु प्रभावित क्षेत्र के अंतगर्त गठित विशेष न्यायालय प्रदीप कुशवाह की अदालत ने अब मामले की सुनवाई के लिए 4, 5 और 6 नवंबर की तारीख तय की है। इस दौरान 4 नवंबर को तीन, 5 नवंबर को एक और 6 नवंबर को चार गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे। यानी तीन दिन में 8 गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे।