दरअसल, उचेहरा पहुंचते-पहुंचते मुख्यमंत्री का कार्यक्रम 5 घंटे विलंब हो चुका था। वे रात करीब 10.30 बजे उचेहरा पहुंचे। वहां औपचारिकताओं को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री ने भाषण देना शुरू किया। करीब 15 मिनट भाषण के बाद पंडाल की बिजली गुल हो गई। चारों तरफ अंधेरा छा गया, लोग हल्ला करने लगे। इस पर मुख्यमंत्री ने सभा को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि अंधेरे से बचने के लिए जिस किसी के पास मोबाइल है, उसकी टॉर्च जला लें ताकि सभास्थल में रोशनी हो। यह सुनते ही मंच पर मौजूद भाजपा नेताओं ने मोबाइल के टॉर्च ऑन कर लिए। जनता की ओर से भी मोबाइल टॉर्च ऑन होना शुरू हो गया। कार्यक्रम में सैकड़ों मोबाइल जल गए और रोशनी हो गई। इस रोशनी में ही मुख्यमंत्री ने करीब पांच मिनट और भाषण दिया। उसके बाद कार्यक्रम के समापन की घोषणा कर दी।
मचा हड़कंप
इस घटना से बिजली कंपनी के अधिकारियों सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। फाल्ट को दूर करने के लिए अधिकारी चकरघिन्नी बने नजर आए। फाल्ट ठीक होने से पहले ही सीएम ने कार्यक्रम समाप्त घोषित कर दिया।
… तो शहर झुग्गी-झोपड़ी मुक्त
जन आशीर्वाद यात्रा शुरू करने से पहले सर्किट हाउस में सीएम ने कहा कि आशीर्वाद मिला तो चार साल के भीतर सतना शहर को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त कर देंगे। सभी को पक्के आवास दिये जायेंगे। जो जहां काबिज है, जमीन के पट्टे दिए जायेंगे।
सांसद गए दिल्ली
जन-आशीर्वाद यात्रा उचेहरा पहुंचने के बाद सांसद गणेश सिंह अचानक मंच से उतर गए और कार में बैठकर रवाना हो गए। इस पर चर्चाओं ने जोर पकड़ा। बाद में भाजपा नेताओं ने स्पष्ट किया कि मानसून सत्र में हिस्सा लेने दिल्ली जाना था।
हमने तय सीमा में कर्ज लिया है
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि हमने तय सीमा के अंदर ही कर्ज लिया है। जीडीपी के 3.50 फीसदी तक कर्ज ले सकते हैं और इतना कर्ज लेकर प्रदेश का विकास कर रहे हैं। सतना के विकास पर उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज नींव का पत्थर बनेगा तो स्मार्ट सिटी शहर की पहचान बदल देगी। इसके तहत सतना में 1530 करोड़ के काम होंगे। 1171 करोड़ के निर्माण कार्य होंगे, सौंदर्यीकरण पर 285 करोड़ और सतना को व्यावसायिक क्षेत्र बनाने 207 करोड़ का व्यय किया जाएगा।
बेमानी हुई 6 रेल टिकट
सीएम के सतना दौरे का कार्यक्रम अंत तक असमंजस भरा रहा। गुरुवार को उनके कार्यक्रम को लेकर भी प्रशासन निश्चितता की स्थिति में नहीं था। हालांकि प्रशासन ने एक साथ कई समानांतर व्यवस्थाएं बनाईं थीं। इनमें से एक सीएम के सतना से जाने का मामला था। सीएम सहित 6 लोगों की रेलवे टिकट बुक कराई गई। पर सीएम समय पर कार्यक्रम पूरा नहीं कर सके। अंत में वे सड़क मार्ग से कार द्वारा खजुराहो रवाना हुए।
5 बजे उनका उचेहरा का कार्यक्रम हो जाना था दरअसल, सरकारी कार्यक्रम के अनुसार 5 बजे उनका उचेहरा का कार्यक्रम हो जाना था। कार्यक्रम उपरांत भोपाल जाना था। हालांकि विलंब की स्थिति को देखते हुए सीएम शिवराज सिंह, पत्नी साधना सिंह सहित चार सिक्योरिटी स्टाफ कुल 6 रेलवे टिकट सतना से भोपाल के लिए आरक्षित कराई गई थी। जब सीएम की सभा सिंहपुर में चल रही थी, तब सीएम के साथ चल रहे पार्टी पदाधिकारियों ने भी यह माना कि रेवांचल के पहले उनका उचेहरा का कार्यक्रम हो जाएगा।
सीएम खजुराहो गए इसके मद्देनजर यह तय किया गया कि सीएम ट्रेन से ही भोपाल जाएंगे। इधर एक धड़ा यह मान के चल रहा था कि सीएम का कार्यक्रम किसी भी स्थिति में रेवांचल के समय तक पूरा नहीं हो पाएगा। इसको देखते हुए सीएम के दूसरे विकल्प पर तैयारी शुरू की गई। इसमें सड़क मार्ग से खजुराहो जाने का कार्यक्रम था। अंत में सीएम का उचेहरा कार्यक्रम 11 बजे समाप्त हुआ। इसके बाद वे खजुराहो के लिए रवाना हो गए।