सतना

Satna: निर्देश नहीं मानने वाले एसडीएम और डीआरसीएस को मौके पर ही डीएम ने थमाई नोटिस

भरी बैठक में कलेक्टर ने नोटिस लिखवाई और अधिकारियों को रिसीव करवाई
खानापूर्ति वाले डीआरसीएस के प्रतिवेदन का बैठक में वाचन कर सबको सुनाया

सतनाDec 28, 2021 / 10:07 am

Ramashankar Sharma

समय सीमा बैठक लेते कलेक्टर अनुराग वर्मा

सतना. कलेक्टर के आदेशों की अनदेखी करना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नागौद और उप पंजीयक सहकारिता (डीआरसीएस) को भारी पड़ गया। कलेक्टर ने धान उपार्जन केन्द्र डाम्हा में किसान के साथ हुई मारपीट के मामले में इन दोनों अधिकारियों को मौके पर जाकर जांच करने के लिये कहा था। लेकिन दोनों अधिकारी न तो मौके पर गए, न ही 24 घंटे में प्रतिवेदन दिया। इस पर कलेक्टर ने टीएल बैठक के दौरान ही स्टेनो को बुलवाकर नोटिस लिखवाई। इसके बाद नोटिस में हस्ताक्षर कर संबंधितों को वहीं रिसीव करवाया।
बैठक में शुरू की पूछताछ

कलेक्टर ने बैठक में एसडीएम नागौद से पूछा कि डाम्हा मामले की जांच की। जिस पर उन्होंने बताया कि मौके पर नहीं गया था। दोनों पक्षों के बीच विवाद था। दोनों को एफआईआर कराने कहा। इस पर कलेक्टर ने कहा कि आप कुल मिलाकर मौके पर नहीं गए। इसके बाद डीआरसीएस से पूछा कि तुम गए थे। जिस पर उन्होंने कहा कि नहीं जा पाया था, कॉपरेटिव इंस्पेक्टर को मौके पर भेजा था।
इस तरह रिपोर्ट लिखता है तुम्हारा इंस्पेक्टर

खुद न जाकर इंस्पेक्टर को भेजने पर डीआरसीएस पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने कहा कि तुम्हारे इंस्पेक्टर ने क्या रिपोर्ट दी है मैं सुनाता हूं। कलेक्टर ने नोटिस पढ़कर बताया कि ‘समिति प्रबंधक थाने में बैठा था। कह रहा है कि जब तक रिपोर्ट नहीं होगी वापस नहीं जाउंगा….’ फिर कहे ऐसा प्रतिवेदन होता है।
बुलाया स्टेनो को, सबके सामने लिखवाई नोटिस

इसके बाद कलेक्टर ने स्टेनो को बुला कर बैठक में ही डिक्टेशन देना शुरू किया। कहा, दिनांक 25 दिसंबर को फ्लाई ओवर का उद्घाटन चल रहा था। सीएम वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन कर रहे थे। इस दौरान किसानों ने बताया कि डाम्हा सोसायटी में प्रबंधक किसान के साथ मारपीट कर रहा है। ऐसा प्रतीत भी हो रहा था। इस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नागौद और डीआरसीएस को मौके पर जाने के निर्देश दिये। लेकिन 24 घंटे बाद जब डीआरसीएस से दूरभाष पर पूछा तो 26 को प्रतिवेदन दिया गया। न तो ये मौके पर गये न समय पर प्रतिवेदन दिया। इससे इनकी अनैतिक कार्यों में संलिप्तता प्रतीत होती है।…’ इस नोटिस के टाइप होकर आने पर बैठक के दौरान ही दोनों को नोटिस रिसीव करवाई।
अलग-अलग बनवाई नोटिस

कलेक्टर के डिक्टेशन के बाद स्टेनो जो नोटिस बना कर लाए उसमें दोनों अधिकारियों के नाम एक साथ थे। इस पर कलेक्टर ने कहा कि नोटिस अलग-अलग जारी किये जाते हैं। फिर अलग-अलग नाम से नोटिस बनवाई।
अब मेरे राडार में हो

कलेक्टर ने कहा कि नोटिस को सामान्य मत लेना। अब आप लोग मेरे राडार पर हो। तीन नोटिस हो गईं तो निलंबन का प्रस्ताव कमिश्रर को भेजूंगा। इस दौरान बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों से कहा कि आप सभी यह ध्यान में रखें कि अगर किसी को तीन नोटिस हुए तो उनका निलंबन तय है।
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