सूत्रों के मुताबिक, दस्यु बबुली कोल गिरोह अपने एक दर्जन सशस्त्र बदमाशों के साथ रविवार व सोमवार की रात सवा तीन बजे टिकरिया रेलवे स्टेशन के कुछ दूरी पर मुख्य सड़क के बगल में स्थित मो. हारून खान उर्फ राजाबाबू के घर पहुंचा। घर के दरवाजे खोलने के लिए डकैतों ने आवाज दी तो किसी ने दरवाजे नहीं खोले। इस दौरान बौखलाए डकैतों ने घर के बाहर खिड़की से फायरिंग शुरू कर दी। घर के अंदर सो रहे उसके पुत्र मो. आसिफ खान (21) के दोनों हाथों को चीरती हुई गोली जांघ में जा घुसी। आसिफ को गोली लगते ही घर में शोर मच गया। गोली लगने की बात सुनकर दस्यु बबुली का दाहिना राइट हैंड ढाई लाख का इनामी लवलेश कोल पीछे की ओर से दीवार फांदकर घर में दाखिल हो गया। उसने घायल को देखा और अपने सरदार को बताया।
गैंग के निकल जाने के बाद मो. हारून खान ने उप्र पुलिस की डायल 100 को फोन पर सूचना दी। खबर पाते ही यूपी डायल 100 की दो गाडिय़ां और मारकुण्डी थाना प्रभारी मो. अकरम खान व मानिकपुर थाना प्रभारी निरीक्षक केपी दुबे मय पुलिस टीम के साथ पहुंचे। घायल युवक को यूपी डायल 100 की गाड़ी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए भेजा और पुलिस ने डकैतों का पीछा किया। कुछ ही दूर जंगल में दस्यु गैंग गुरसराय के जंगल में दिखाई दिया। गैंग ने पुलिस को पीछे आते देख गालियां देते हुए फायरिंग कर दी। पुलिस पार्टी ने भी डकैतों को ललकारते हुए मोर्चा संभाला और घेराबंदी करते हुए जवाबी फायर किया। सुबह 6 से 8 बजे तक करीब दो घंटे मुठभेड़ के बाद डकैत अपना बचाव करते हुए जंगल की ओर भाग निकले। घटना के बाद मुठभेड़ सूचना पाते ही पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा, एडिशनल एसपी बलवंत चौधरी समेत एंटी डकैती टीम के अफसर मौके पर पहुंचे। इधर, मप्र की ओर से भी पुलिस टीमों ने घेरा बढ़ाया ताकि डकैत इस ओर नहीं आ सकें।
इसके बाद घायल के पिता मो. हारून को पकड़ कर गांव की ओर ले जाकर ग्राम प्रधान कुसमा पत्नी बच्चा कोल का दरवाजा खुलवाने को कहा। हारून के आवाज देने पर दरवाजा न खोलने से गुस्साए गैंग ने प्रधान के घर के दरवाजे में फायरिंग कर दरवाजा तोड़ दिया। डकैत प्रधान के घर के अंदर घुसकर प्रधान व उसके पति से मारपीट करने लगे। घर में रखी मोटर साइकिल को क्षतिग्रस्त कर दिया और घर में किराने की दुकान का सामान भरकर जंगल निकल गए।