प्रकृति से प्रेम हो, जीवों से प्रेम हो तभी पर्यावरण के प्रति जागरूकता आएगी
विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम संपन्न
Deendayal Research Institute chitrakoot
सतना. दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट द्वारा ग्राम इटरौर में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्वोदय सेवा आश्रम के प्रख्यात समाजसेवी अभिमन्यु सिंह एवं विशिष्ट अतिथि ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक रामनाथ प्रसाद गुप्ता रहे। कार्यक्रम में पर्यावरण विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें गांव की बच्चों एवं महिलाओं द्वारा प्रतियोगिता में बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस बीच मुख्य वक्ता डॉ. रामलखन सिंह सिकरवार ने संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों व प्रशिक्षणों की विस्तृत जानकारी प्रदान की व पर्यावरण संरक्षण के लिए कहा कि हमारा पर्यावरण मुख्य रूप से दो घटकों जीवित एवंअजीवित से मिलकर बना है। गांव की बेटी आकांक्षा सिंह एवं अंजली सिंह ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए। कृषि संकाय के छात्र जयप्रकाश ने कहा कि प्रकृति के साथ मित्रवत व्यवहार रखें । प्रावि. चकजाफ र की प्रधानाध्यापिका शिल्पा चौहान ने कहा कि भारत में जल तथा वायु प्रदूषण अत्यधिक मात्रा में बढ़ रहा है जिसका प्रमुख कारण पेड़-पौधों का अनियंत्रित काटना है, उन्होंने कहा कि पौधों को लगाने से ज्यादा उसको बचाना है, जैसे हम अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं ठीक उसी प्रकार हमें पेड़-पौधों का पालन-पोषण करना चाहिए। आरसेटी के निदेशक रामनाथ गुप्ता ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं वृक्षारोपण करने पर जोर दिया। मुख्य अतिथि ने कहा कि हमें प्रकृति से प्रेम हो, जीवों से प्रेम हो तभी पर्यावरण के प्रति जागरूकता आएगी अन्यथा पैसे से प्रेम होगा तो पर्यावरण नष्ट हो जाएगा। प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों का चयन चयन समिति ने सामूहिक रूप से किया। जिसमें प्रथम पुरस्कार के रूप में आकांक्षा, द्वितीय अंजली सिंह, तृतीय अनामिका व सांत्वना पुरस्कार में साहिल प्रज्ञा और सलोनी का चयन किया गया। संचालन अनिल सिंह ने तथा अभार प्रदर्शन मनोज त्रिपाठी ने किया ।
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