सतना

देश विदेश के श्रद्धालुओं को चित्रकूट में इस पूरे साल गुजरना होगा टूटी सड़कों से

लोगों ने कहा योगी का चित्रकूट शिवराज के चित्रकूट से लाख गुना बेहतर
रेस्टोरेशन का टेंडर निरस्त करने के 4 माह बाद भी नये को नहीं दे सके स्वीकृति
लाल फीताशाही में डाल दी गई गौरव दिवस पर चित्रकूट में सीएम की घोषणाएं
 

सतनाAug 27, 2022 / 03:20 pm

Ramashankar Sharma

Devotees will have to pass through broken roads in Chitrakoot

सतना। मिनी स्मार्ट सिटी चित्रकूट के गौरव दिवस पर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बड़े पैमाने पर विकास कार्यों की घोषणा करते हुए चित्रकूट के कायाकल्प की बात कही थी। लेकिन उनकी घोषणाएं अफसरशाही की लालफीताशाही में उलझ कर रह गई हैं। हालात यह हो गए हैं कि राम की तपोभूमि चित्रकूट में इस पूरे साल आने वाले देश विदेश के श्रद्धालुओं को टूटी सड़कों पर से ही गुजरना होगा। इस बार 24 अक्टूबर को दीपावली है लेकिन इस अवधि तक भी सीवरेज के नाम पर खोद कर छोड़ दी गई सड़कों के सुधरने की संभावना नहीं है। जबकि इस दौरान 25 लाख के लगभग दर्शनार्थी चित्रकूट पहुंचते हैं। यह सिर्फ निर्माण एजेंसी एमपीयूडीसी के अफसरों की घोर लापरवाही के कारण हो रहा है। आरोप तो यहां तक है कि कमीशन के खेल में सारा मामला लटका रहता है।
निविदा स्वीकृति के लिए 4 माह कम, अभी 2 माह और लगेंगे

चित्रकूट गौरव दिवस पर मुख्यमंत्री के सामने यहां की खस्ताहाल सड़कों की समस्या रखी गई थी। उन्हें बताया गया था कि सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत बड़े पैमाने पर सड़कों को खोद कर छोड़ दिया गया और उनका रेस्टोरेशन नहीं किया गया है। सीएम के असंतोष जताने के बाद निर्माण एजेंसी एमपीयू़डीसी के प्रमुख अभियंता ने इसका ठेका निरस्त कर दिया था। लेकिन उनकी गंभीरता की बात करें तो अप्रैल में ठेका निरस्त करने के बाद नई निविदा आज तक स्वीकृत नहीं हो सकी है। अब कहा जा रहा है कि अक्टूबर तक संभावना है। इससे स्पष्ट है कि दिसंबर तक काम होना मुश्किल है। लिहाजा चित्रकूट वासियों को इस पूरे साल खस्ताहाल टूटी सड़कों पर चलने के लिये मजबूर होना पड़ेगा।
न सीएम आते न आला अफसरों को पता चलता

मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन ने चित्रकूट में बैठक ली थी। जिसमें चित्रकूट की खस्ताहाल सड़कों और सीवरेज के कामों में लेट लतीफी की जानकारी प्रमुखता से सामने रखी गई थी। जिस पर उन्होंने सीवरेज का ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए थे। इसके परिपालन में प्रमुख अभियंता एमपीयूडीसी ने 29 अप्रैल 2022 को ठेका निरस्त कर दिया था। चार माह गुजरने के बाद भी निर्माण एजेंसी ने अभी तक नई निविदा जारी नहीं की। हद तो ये हो गई कि अब परियोजना प्रबंधक एमपीयूडीसी रीवा ने सीएमओ को पत्र लिख कर बताया है कि निविदा स्वीकृति अभी प्रक्रियाधीन है। साथ ही बताया है कि यह अक्टूबर तक स्वीकृत होने की संभावना है। नवीन संविदाकार के कार्य प्रारंभ करने पर ही सीसी सड़कों का परमानेंट रेस्टोरेशन कार्य संभव हो सकेगा। परियोजना प्रबंधक के इस पत्र के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि चित्रकूट वासियों को अभी अच्छी सड़कों के लिये नये साल का इंतजार करना पड़ेगा।
IMAGE CREDIT: patrika
सीएम की घोषणाओं के बाद भी बदलाव नहीं

सीएम की घोषणाओं के बाद यह माना जा रहा था कि जल्द ही चित्रकूट में तेजी से विकास कार्य होंगे। लेकिन सबसे बड़ी समस्या में जिस तरीके की लेटलतीफी है तो अन्य कामों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थानीय लोग भी अब कहने लगे हैं कि कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है।
चित्रकूट के काम भगवान भरोसे, अफसरों ने बनाया चारागाह

अब तो चित्रकूट के निवासी यह मानने और कहने लगे हैं कि चित्रकूट के काम भगवान भरोसे है। यदा कदा जिले के अधिकारी पहुंचते हैं तो डायलॉग देकर चले जाते हैं। इनका जमीनी क्रियान्वयन नजर नहीं आता। तुलसी मार्ग की छः माह में बनने वाली पुलिया 6 साल में नहीं बन सकी। सड़कों का कोई माई-बाप नहीं है। सिर्फ कमीशनखोरी हो रही है काम के नाम पर। चित्रकूट अफसरों का सिर्फ चारागाह बन कर रह गया है। इससे ज्यादा हद क्या होगी की सीएम की घोषणा को भी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। लोगों की मूल भूत चलने फिरने की सुविधा पर अगर गंभीरता नहीं है तो स्पष्ट है कि सरकार चित्रकूट को कितनी गंभीरता से लेती है। वहीं उत्तर प्रदेश के हिस्से के चमचमाता चित्रकूट देखकर अलग ही हालात नजर आते हैं कि योगी जी राम के लिए कितने गंभीर हैं।

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