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सतना

बर्न ट्रीटमेंट देने में जिला अस्पताल फेल, पांच माह से एक इकाई में ताला

पीडि़तों की देखभाल तो दूर पूछने से भी परहेज

सतनाAug 20, 2019 / 01:28 pm

Vikrant Dubey

District Hospital fails to provide burn treatment

District Hospital fails to provide burn treatment

सतना. बदखर के पास बिरौली गांव की रहने वाली भागवती पति अशोक कहार खाना ( 3०) बनाते समय चिमनी से लगी आग में जलकर गंभीर रुप घायल हो गई। जिसे परिजनों ने जिला अस्पताल के बर्न यूनिट में दाखिल कराया। जहां पीडि़त को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा तो दूर प्राथमिक चिकित्सक भी मुश्किल से मिल पा रही है। साफ-सफाई तक नहीं होने से पल भर खडे़ होना दूभर है। जहां पीडि़तों की मलहम, पट्टी तक समय पर नहीं की जा रही है। इस पीड़ा अकेले को नहीं भागवती को नहीं झेलनी पड़ रही । बर्न यूनिट में भर्ती होनेे वाले सभी पीडि़तों को इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बर्न यूनिट में पीडि़तों को प्राथमिक सुविधाएं तक नसीब नहीं हो पा रही हैं। एसी तो दूर पंखा भी अच्छे से नहीं चल रहा है। पीडि़तों को नेट तक उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं। मजबूरी में पीडि़त घर से लाई चादर की ओट बनाकर ही पड़े रहते हैं। नियमित और निर्धारित समय पर फ्यूमीगेशन भी नहीं किया जाता है। प्रबंधन की लापरवाही पीडि़तों के दर्द को बढ़ रही है।
प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं-

जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रोटोकॉल को दरकिनार कर दिया गया है। पीडि़तों को सामान्य मरीजों के साथ दाखिल किया जा रहा है। कुशल स्टाफ की तैनाती नहीं है। एसी महीनों से बंद पडे़ हुए हैं। फ्यूमीगेशन भी नहीं किया जा रहा है। पीडि़तों को साफ नेट ( मच्छरदारी) भी उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। इतनी गंदी नेट दी जा रही है कि पीडि़त उपयोग करने के लिए सोचना पड़ रहा है।
एक इकाई में पांच माह से ताला-

जिला अस्पताल के सभी वार्डो का रिनावेशन कराया जा रहा है। एेसे में सर्जिकल महिला और सर्जिकल पुरुष वार्ड में स्थापित बर्न यूनिट में डेढ़ माह पहले ताला जड़ दिया गया है। अस्पताल आने वाले पीडि़तों को प्रोटोकॉल को धता बता सर्जिकल वार्ड में दाखिल किया जा रहा है। रिनोवेशन के नाम पर बंद की गई र्बन यूनिट कब चालू होंगी। वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई, जिला अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों भी जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
देखभाल तो पूछने भी नहीं आता स्टॉफ –

पीडि़तों के परिजनों ने बताया, वार्ड का स्टाफ देखभाल तो दूर पूछने तक नहीं आता है। डॉक्टर वार्ड का राउंड करने तो आते हैं लेकिन तकलीफ बताने के बाद मुश्किल से देखने आते हैं। नर्सिग स्टाफ के बर्ताव की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को भी है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसका खामियाजा पीडि़तों को भुगतना पड़ रहा है।
पीडि़तों को शीघ्र बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराई जाएगी

अस्पताल प्रशासक इकबाल सिंह ने बताया, जिला अस्पताल में अलग बर्न यूनिट बनाई जा रही है। निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। पीडि़तों को शीघ्र बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराई जाएगी।

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