नए डीएमआर द्वारा चार्ज लेने के बाद से ही स्टेशन में चल रहे लिफ्ट व एसी वेटिंग हाल के निर्माण में अभूतपूर्व तेजी आई है। स्थानीय अधिकारी डीआरएम को ज्यादा से ज्यादा प्रगति दिखाना चाह रहे हैं।
इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट में माहिर लेकिन जानकारों के अनुसार रेलवे में इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट में माहिर डीआरएम डॉ. सिंह सिर्फ वही व्यवस्थाएं देख कर नहीं चले जाते जो स्थानीय अधिकारी दिखाना चाहते हैं। बताया गया कि 15 नवम्बर को चार्ज लेने के बाद डीआरएम सागर, इटारसी व कटनी का निरीक्षण कर चुके हैं।
ये चल रहे निर्माण कार्य
स्टेशन परिसर में यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए लिफ्ट व एसी वेटिंग हाल का निर्माण कार्य महीनों से चल रहा है। कार्य धीमा होने के कारण पूर्व में मंडल के अधिकारियों ने काम में तेजी लाने की हिदायत दी थी। उक्त कार्यों के अलावा आरपीएफ थाने के सामने वाले फुट ओवर ब्रिज की शिफ्टिंग भी होनी है जो अब तक शुरू नहीं हो पाई।
रेडी मोड में एआरटी : कसे गए पहियों के पेंच
रेलवे दुर्घटनाओं में फौरी राहत पहुंचाने के लिए सतना स्टेशन की एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन व एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन को डबल हेड करने के साथ ही इसका मेंटीनेंस किया जा रहा है। सोमवार को ट्रेन के पहियों के पुराने नट बोल्ड बदलकर नए लगाए गए। ट्रेन को पूरी तरह फिट बनाने के लिए अधिकारियों की निगरानी में इसे स्कैन किया जा रहा है।
एआरएमवी का डेमो देख सकते हैं माना जा रहा है कि डीआरएम एआरटी व एआरएमवी का डेमो देख सकते हैं। इसके पहले एडीआरएम दिनेश चंद्र गुप्ता एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन व एक्सीडेंट रिलीफ मेडिकल वैन का जायजा ले चुके हैं। एआरटी की क्षमता का आकलन करने के लिए मॉक ड्रिल भी की गई थी।
खास है इस बार का दौरा
सतना स्टेशन में डीआरएम का यह कोई पहला दौरा नहीं है, लेकिन पूर्व के मामलों से अलग जरूर है। रेलवे के अनुसार डीआरएम डॉ. सिंह ने कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया कांकोर में रहते हुए देश के पूर्वोत्तर भाग में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सल्यूशन द्वारा रेल परिवहन को बढ़ाने में विशेष कार्य कर देश के इस दुर्गम क्षेत्र में माल ढुलाई में वृद्धि की है।
रेल परिवहन में भी भारत को नई पहचान मिली डॉ. सिंह के नेतृत्व में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेल परिवहन में भी भारत को नई पहचान मिली। डीआरएम बनने के पूर्व डॉ. सिंह ने देश की 12वीं पंचवर्षीय योजना के वर्ष 2017-2019 के ट्रांसपोर्ट का एक्शन प्लान भी बनाया है। बताया गया कि रेल ईकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट की उपाधि लीड्स विश्व विद्यालय यूके से करने के साथ ही लन्दन स्कूल ऑफ ईकोनॉमिक्स से स्कॉलरशिप भी प्राप्त की है।