कुछ सभाओं के विरोध होने के बाद भाजपा प्रत्याशी द्वारा स्थानी मुद्दों को छोड़कर मोदी सरकार की योजनाओं के इर्द-गिर्द घूम रहे है। ग्रामीण भाषणों की शुरूआत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से शुरू होकर प्रधानमंत्री आवास योजना का बखान बताते ही खत्म होने लगता है। हालांकि कई बार नेताओं की जुबान पर मोदी का डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया, अटल पेंशन योजना आदि भी आ जाती है।
कांग्रेस प्रत्याशी की सभाओं को हर दम एमपी सरकार का वचन पत्र याद आता है। किसान कर्ज माफी से ज्यादातर भाषणों की शुरूआत होती है। फिर वर्तमान सांसद से 15 साल का हिसाब मांगने लगते है। हालांकि किसानों के १० हॉस पावर का बिजली बिल आधा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 300 से बढ़ाकर 1000, बच्चियों के विवाह के लिए 51000 का अनुदान, राहुल गांधी का ७२ हजार सालाना देने का वादा भी दोहराया जाता है।
सात विधानसभाओं वाली सतना संसदीय क्षेत्र में सतना, चित्रकूट, रैगांव, नागौद, मैहर, अमरपाटन और रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्र आता है। रामपुर और कोटर क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो सतना जिले में लगभग हर जगह जलसंकट है। कई क्षेत्रों में जर्जर सड़क या अधूरी सड़कें नेताओं को कोस रहीं है। रैगांव विधानसभा के कुछ गांव सड़क विहीन है जहां हरदम रोड नहीं तो वोट नहीं की चेतावनी दी जाती है।
– शहर से लेकर गांव तक जलसंकट
– शहर के अंदर की जर्जर सड़क
– अधूरा फ्लाइ ओवर
– रोजगार का वादा
– जिल में 8 सीमेंट प्लांट पर नौकरी किसी को नहीं
– रामनगर क्षेत्र में विस्थापितों का दर्द
– सतना-बेला मार्ग अधूरा
– धूल-डस्ट और धुआं
– 29 अप्रैल-सीधी, शहडोल, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा
– 6 मई-बैतूल, दमोह, खजुराहो, रीवा, सतना, होशंगाबाद, टीकमगढ़
– 12 मई-मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल,राजगढ़
– 19 मई-देवास, उज्जैन, धार, खंडवा, इंदौर, मंदसौर, रतलाम, खरगोन