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सतना

Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब, पार्टी के भरोसे के उम्मीदवार

– दोनों सियासी दलों के प्रत्याशियों का चढ़ा सियासी पारा

सतनाApr 19, 2019 / 06:50 pm

suresh mishra

Election 2019: Lok Sabha chunav me 5 latest mudde modi and kamal nath

Election 2019: Lok Sabha chunav me 5 latest mudde modi and kamal nath

सतना। देश की हाई प्रोफाइल सीटों की तर्ज पर सतना का लोकसभा चुनाव 2019 लड़ा जा रहा है। कांग्रेस उम्मीदवार वर्तमान सांसद से 15 साल का हिसाब ले रहे है। साथ ही कमलनाथ सरकार के वचन पत्र को याद करते हुए सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक किसान कर्ज माफी की बात बार-बार दोहरा रहे है। जबकि भाजपा उम्मीदवार स्थानीय मुद्दों को छोड़कर मोदी सरकार की योजनाओं का बखान हर पल कर रहे है।
कारण भरी सभा में जनता 15 साल का हिसाब मांगने लगती है। इसलिए ऐसे भाषण से दूरियां बना रहे है। कोई पूर्व सरकार की गलती को भुनाने में लगा है तो कोई वर्तमान सरकार के कामकाज की तारीफ कर रहा है। सतना लोकसभा चुनाव प्रसार में जलसंकट का मुद्दा मुख्य रूप से हावी है। पहाड़ी अंचलों में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज है।
भाजपा प्रत्याशी इन योजनाओं के भरोसे
कुछ सभाओं के विरोध होने के बाद भाजपा प्रत्याशी द्वारा स्थानी मुद्दों को छोड़कर मोदी सरकार की योजनाओं के इर्द-गिर्द घूम रहे है। ग्रामीण भाषणों की शुरूआत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से शुरू होकर प्रधानमंत्री आवास योजना का बखान बताते ही खत्म होने लगता है। हालांकि कई बार नेताओं की जुबान पर मोदी का डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया, अटल पेंशन योजना आदि भी आ जाती है।
कांग्रेस प्रत्याशी को याद आता है एमपी वचन पत्र
कांग्रेस प्रत्याशी की सभाओं को हर दम एमपी सरकार का वचन पत्र याद आता है। किसान कर्ज माफी से ज्यादातर भाषणों की शुरूआत होती है। फिर वर्तमान सांसद से 15 साल का हिसाब मांगने लगते है। हालांकि किसानों के १० हॉस पावर का बिजली बिल आधा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 300 से बढ़ाकर 1000, बच्चियों के विवाह के लिए 51000 का अनुदान, राहुल गांधी का ७२ हजार सालाना देने का वादा भी दोहराया जाता है।
ये है स्थानीय मुद्दे
सात विधानसभाओं वाली सतना संसदीय क्षेत्र में सतना, चित्रकूट, रैगांव, नागौद, मैहर, अमरपाटन और रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्र आता है। रामपुर और कोटर क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो सतना जिले में लगभग हर जगह जलसंकट है। कई क्षेत्रों में जर्जर सड़क या अधूरी सड़कें नेताओं को कोस रहीं है। रैगांव विधानसभा के कुछ गांव सड़क विहीन है जहां हरदम रोड नहीं तो वोट नहीं की चेतावनी दी जाती है।
इन मुद्दों से मिले निजात
– शहर से लेकर गांव तक जलसंकट
– शहर के अंदर की जर्जर सड़क
– अधूरा फ्लाइ ओवर
– रोजगार का वादा
– जिल में 8 सीमेंट प्लांट पर नौकरी किसी को नहीं
– रामनगर क्षेत्र में विस्थापितों का दर्द
– सतना-बेला मार्ग अधूरा
– धूल-डस्ट और धुआं
चार चरणों में होगा चुनाव
– 29 अप्रैल-सीधी, शहडोल, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा
– 6 मई-बैतूल, दमोह, खजुराहो, रीवा, सतना, होशंगाबाद, टीकमगढ़
– 12 मई-मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल,राजगढ़
– 19 मई-देवास, उज्जैन, धार, खंडवा, इंदौर, मंदसौर, रतलाम, खरगोन

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