जब मिलने को लेकर बाहर खड़े कांग्रेसियों के असंतोष से स्वर तीखे हुए तो बाहर आए दिग्विजय सिंह ने लोगों को समझाया। कहा कि वे यहां मिलने ही आएं हैं और सबसे मिलेंगे। फिर सबके नाम सूची में लिखने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने कहा कि आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। महापर्व है। आप भी जगिए मैं भी जागूंगा। इसके बाद वे देर रात तक लोगों से मिलते रहे।
दिग्विजय सिंह के साथ समन्वय समिति के सदस्य पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी, रामेश्वर नीखरा, पूर्व मंत्री महेश जोशी, लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य विनय शंकर दुबे, डॉ. मुजीब कुरैशी, हरगोविन्द जौहरी, हरी सिंह नरबरिया भी वन टू व चर्चा के दौरान साथ रहे। सर्किट हाउस में सभी ने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से सतना जिले कि राजनैतिक परिस्थितियों पर विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया। उन्होंने सभी नेताओं एवं पदाधिकारियों से कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव मे पार्टी कि सफलता के लिये महती भूमिका अदा करें।
दिग्विजय सिंह वन टू वन चर्चा के लिए खुद पेन डायरी लेकर बैठे थे। वन टू वन में आने वाले लोगों को सामने रखी कुर्सी में बैठाकर बात कर रहे थे। इस दौरान जो भी सवाल के जवाब आ रहे थे वे स्वयं अपनी डायरी में लिख रहे थे। उससे चर्चा हो रही थी उससे जुड़े व्यक्तिगत कार्य की जानकारी लेने के साथ कई गंभीर सवाल भी किए। इसमें उन्होंने जानना चाहा कि बीएसपी से समझौता होना चाहिए कि नहीं? चुनाव के लिये क्या रणनीति होनी चाहिए? सतना में चित्रकूट क्यों जीते तो मैहर क्यों हारे? यहां के जातिगत समीकरण क्या हैं? प्रत्याशी कौन हो सकता है और कौन लड़ेगा? यदि किसी ने अपना नाम दावेदारी में बताया तो उससे यह भी पूछा गया कि अगर टिकट नहीं मिली तो?
दिग्विजय सिंह आज 4 सितम्बर को सुबह 9 बजे समन्वय समिति की बैठक लेंगे, 10.45 बजे मुख्त्यारगंज स्थित व्यंकटेश मंदिर जाएंगे। उसके पश्चात सुबह 11 बजे रीवा रोड स्थित अशोका पैलेस में संगत में पंगत कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वे दोपहर बाद 2 बजे विशेष विमान से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। दिग्विजय सिंह के सर्किट हाउस पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान यहां पूर्व मंत्री सईद अहमद, विधायक यादवेन्द्र सिंह, नीलांशु चतुर्वेदी, सिद्धार्थ कुशवाहा, मकसूद अहमद, राजेन्द्र मिश्रा, सुधीर सिंह तोमर, मनीष तिवारी, राजाराम त्रिपाठी, दिलीप मिश्रा, गया बागरी, रविन्द्र सिंह सेठी, के.पी.एस. तिवारी, अभय सिंह रोली, उर्मिला त्रिपाठी, शैलेन्द्र सिंह गुड्डू गिरीश शाह, प्रदुमन सिंह सलूजा, डॉ. पी.डी. पटेल, कुदरतउल्ला बेग, लल्लू लाल सतनामी, भागवत सिंह तिवारी, अजीत सिंह, शंकरदीन कुशवाहा, दिनेष दुबे, महेन्द्र पटेल, अतुल सिंह परिहार, राजभान सिंह, राजदीप सिंह, राजेन्द्र गर्ग, संतोष जैन, रामशंकर पयासी, रामकुमार तिवारी, श्रीमती गीता सिंह, स्वतंत्र मिश्रा, योगेश त्रिपाठी, रामप्रताप कुशवाहा मौजूद रहे।