पत्रिका टीम ने गुरुवार देर रात शहर सेमरिया चौक से अस्पताल चौराहा तक पहुंचे लेकिन कहीं भी पुलिस नहीं मिली और न ही डॉयल 100। अस्पताल चौराहा से सिविल लाइन चौराहा तक पहुंचे। यहां से भी पुलिस गायब थी। सिविल लाइन से वापस सर्किट हाउस, भरहुत मोड़, सेमरिया चौक लौटे लेकिन लेकिन किसी भी चौराहे पर पुलिस नहीं मिली।
एक बाइक में तीन-तीन सवार- सिविल लाइन से धवारी की ओर एक बाइक में तीन-तीन युवक सवार हो हुडंदंग मचाते हुए जा रहे थे। इन्हें न तो कोई हाथ देने वाला था और न ही कोई पूछने वाला। रोजाना रात में शहर का यही हाल रहता है।
पुलिस की निष्क्रियता का फायदा उठा रहे रहे- पुलिस की इस निष्क्रियता को अपराधिक तत्व जमकर फायदा उठा रहे हैं। पुलिस की रात की गश्त की हकीकत रोजाना हो रही वारदातों से भी हो रहा है। चोर एक रात में बेखौफ होकर चार से पांच दुकानों के ताले तोड़ माल पार कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी पुलिस प्रशासन की नींद नहीं टूट रहीं है। इसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है।
निजी सुरक्षा कर्मियो के भरोसे व्यापारी- शहर के मुख्य बाजार पन्नी लाल चौक, लालता चौक, हनुमान चौक सहित अन्य में भी पुलिस मौजूद नहीं थी। दुकानों के सामने निजी सुरक्षा कर्मी जरुर तैनात थे। जो कि व्यापारियों द्वारा अपनी दुकानों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे। सुरक्षा कर्मियों ने बताया, जब कभी कोई बड़ी वारदात होती है तब पुलिस गश्त करने आती है।