बताया जा रहा है कि सतना जिला प्रशासन को ऐसी गुप्त सूचना मिली है कि उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को होने वाले मतदान को कुछ बाहरी तत्व प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में कलेक्टर ने एसपी को निर्देश दिया है कि ऐसे संदिग्ध लोगों को अभी से चिन्हित कर उन पर निगाह रखने को कहा है। ऐसे संदिग्ध लोग जो पूर्व के चुनावों में किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि में लिप्त पाए गए हों उन पर खास नजर रखी जाए। उनके विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी शुरू करने को कहा है।
कलेक्टर के निर्देश के बाद जिला पुलिस भी जुट गई है। इसके तहत विधानसभा क्षेत्र रैगांव के ऐसे व्यक्तियों तथा उनके ठिकानों का पता लगाने और अवैध रूप से शस्त्र,बारूद रखने वाले, विस्फोटक पदार्थों का भंडारण करने वाले, अवैध शस्त्रों का निर्माण व व्यवसाय करने वालों के विरूद्घ सघन अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही ऐसी अवैध गतिविधियों में संलग्न तत्वों के बिरुद्घ संगत अधिनियम के अंतर्गत सख्त कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। विधानसभा क्षेत्र में चलने वाले वाहनों को छोड़कर शेष चौपहिया यंत्र चलित वाहनों के आवागवन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इतना ही नहीं पुलिस इस पर भी नजर रख रही है कि कोई किसी वाहन में किसी तरह के शस्त्र या विस्फोटक सामग्री तो नहीं ला रहे।
इस बीच कलेक्टर अजय कटेसरिया ने कहा है कि मतदान से 72 घंटे पूर्व विधानसभा क्षेत्र में ट्रकों, ट्रैक्टर-ट्रालियों आदि पर भी नजर रखी जा रही है। ऐसे माल वाहक वाहनो में सामान लादने व उतारने वाले श्रमिकों को छोड़कर सवारियां ढ़ोने पर पाबंदी है। ऐसे वाहनों की सख्त जांच होगी। यदि ऐसे वाहनो का उपयोग मतदाताओं को ढोने के लिए करता पाया गया तो उनके बिरुद्घ मोटरयान अधिनियम-1988 के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि किसी उम्मीदवार या उसके अभिकर्ता अथवा कोई अन्य भाड़े पर या किसी सवारी गाड़ी या अन्य वाहन से मतदाताओं को मतदान केंद्र तक ढोते पाया गया कि तो उसके विरुद्ध मध्यप्रदेश स्थानीय प्राधिकारी (निर्वाचन अपराध) अधिनियम 1964 के तहत अपराध है, जिस पर काबू पाने को प्रभावकारी प्रबंध किए जाएंगे। उन्होंने बताया है कि लाउड स्पीकरों का उपयोग सुबह 6 से रात 10 बजे तक ही किया जा सकेगा और मतदान के 72 घंटे पूर्व लाउडस्पीकर भी प्रतिबंधित रहेगा।