मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की दोपहर करीब 12 बजे रामनगर गांव के निवासी चार बच्चें तालाब में कमल का फूल तोडऩे गए थे, लेकिन पानी गहरा होने के कारण चारों बच्चे एक साथ डूब गए। डूबने पर बच्चे तेज आवाज के साथ रोने लगें लेकिन वहां उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था। इस घटना को तालाब के किनारे भैंस चरा रही एक लड़की देख रही थी, जो घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी गई। ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना देने के बाद तालाब में उतरकर शव की तलाश शुरू कर दी गई। पुलिस पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने शव को बाहर निकाल लिया गया। घटना के बाद अंचल में मातम फैल गया। पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर पोस्ट मार्टम कराने के बाद दाह संस्कार के लिए शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
तालाब में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई। दिलीप पटेल के दो बच्चे व एक बच्ची थी, तालाब में डूबने से दोनों बच्चों की मौत हो गई। मृतकों में हिमांशु पटेल पिता दिलीप पटेल 14 वर्ष, दीपांशु पटेल पिता दिलीप पटेल 12 वर्ष निवासी रामनगर, सीमा पटेल पिता जगत बहादुर पटेल 10 वर्ष व आयुष पटेल पिता राममणि पटेल 9 वर्ष शामिल हैं।
रामनगर तालाब पौराणिक तालाब है, जिसमें कमल का फूल खिलता है, फूल की खूबसूरती को देखकर बच्चे उसे तोडऩे के लिए तालाब के अंदर गए लेकिन उन्हें तालाब की गहराई का अंदाजा नहीं था, ऐसी स्थिति में तालाब में कमल के फूल की खूबसूरती की बच्चों को मौत के मुंह में धकेल दी।
पचोहर गांव निवासी सीमी पटेल पिता जगत बहादुर पटेल गर्मी की छुट्टी बिताने ननिहाल रामनगर गांव आई हुई थी, जिसे घर बुलाने के लिए परिजन आने वाले थे लेकिन सीमा अपने घर पहुंचने से पहले की काल के गाल में समा गई।