गेहूं बेचने आने वाले किसानों को खरीदी केंद्रों में रतजगा न करना पड़े, इसके लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। खरीदी केंद्रों में अनाज का स्टॉक न बढ़े, इसके लिए केंद्रों में शाम तक खरीदे गए अनाज का उसी दिन परिवहन करने के निर्देश दिए गए हैं। अपनी उपज बेचने के बाद महीनों तक समितियों के चक्कर लगाने वाले किसानों को दो दिन में खाते में भुगतान मिल जाएगा। जो समितियां अनाज के उठाव एवं किसानों के भुगतान में लेटलतीफी करेगी, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गेहूं खरीदी के दौरान दूसरे जिलों, राज्यों का गेहूं जिले के खरीदी केंद्रों तक न पहुंच सके इसके लिए उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे सिंहपुर और चित्रकूट मार्ग पर दो चेकपोस्ट बनाए जाएंगे। चेकपोस्ट द्वारा दूसरे राज्य से आने वाले गेहूं की जांच कर उसकी निगरानी की जाएगी। सरकारी खरीदी के दौरान गेहूं की कालाबाजारी रोकने जिलास्तरीय जांच टीम गठित की जाएगी। जो कालाबाजारी पर नजर रखेगी। इससे किसानों को राहत मिलेगी, जबकि बिचौलियों पर शिकंजा कसा जाएगा।
– 82 खरीदी केंद्र जिले में
– 1.49 हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी
– 2.25 लाख किसान
– 44626 किसानों का पंजीयन
– 11867 नवीन पंजीयन
– 44 क्विं. / हे. उत्पादन सिंचित
– 28 क्विं. / हे. उत्पादन असिंचित
– 1735 रुपए समर्थन मूल्य
– २५मई तक जिले में होगी समर्थन मूल्य पर खरीदी