महिला एवं बाल विकास महकमे के द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना हितग्राहियों को त्वरित लाभ देने जिला अस्पताल में हेल्प डेस्क आरंभ की गई थी। जिससे बेटी पैदा होने के बाद तुरंत पंजीयन किया जाए और लोगों को दफ्तरों के चक्कर न काटना पड़े । लेकिन महकमे की कवायद ने शुरु होने के साथ ही दम तोड़ दिया।
परिजनों की हेल्प करने में नाकाम-
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत पात्र हितग्राहियों शतप्रतिशत लाभ मिले, कोई भी लाडली पंजीयन से न छूटे इसके लिए जिला अस्पताल पुरानी ओपीडी में ई-लाडली हेल्प डेस्क बनायी गयी । जहां जिला अस्पताल में पैदा होने वाली सभी लाडलियों के पंजीयन कराने की जिम्मेदारी हेल्प डेस्क को दी गयी थी। हेल्प डेस्क की प्रभारी सुपरवाईजर को बनाया गया था। परिजनों को परामर्श देकर ई-पंजीयन के लिए प्रेरित करना था। लेकिन महकमा जिम्मेदारी नहीं निभा पाया।
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत पात्र हितग्राहियों शतप्रतिशत लाभ मिले, कोई भी लाडली पंजीयन से न छूटे इसके लिए जिला अस्पताल पुरानी ओपीडी में ई-लाडली हेल्प डेस्क बनायी गयी । जहां जिला अस्पताल में पैदा होने वाली सभी लाडलियों के पंजीयन कराने की जिम्मेदारी हेल्प डेस्क को दी गयी थी। हेल्प डेस्क की प्रभारी सुपरवाईजर को बनाया गया था। परिजनों को परामर्श देकर ई-पंजीयन के लिए प्रेरित करना था। लेकिन महकमा जिम्मेदारी नहीं निभा पाया।
अपना दोष परिजनों पर मढ़ रहे-
महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार अपनी नाकामी छिपाने हितग्राहियो पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। तर्क दे रहे है कि परिजनों द्वारा पंजीयन के लिए नवजात के जन्म प्रमाण पत्र, फोटो, माता-पिता को एड्ररेस, फोटो प्रूफ जमा सहित अन्य दस्तावेज जमा नहीं किए जा रहे थे। जिसके चलते अस्पताल में पैदा होने वाली लाडलियों के पंजीयन नहीं हो पा रहे थे। जिसके चलते हेल्प डेस्क को बंद कर दिया गया है।
महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार अपनी नाकामी छिपाने हितग्राहियो पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। तर्क दे रहे है कि परिजनों द्वारा पंजीयन के लिए नवजात के जन्म प्रमाण पत्र, फोटो, माता-पिता को एड्ररेस, फोटो प्रूफ जमा सहित अन्य दस्तावेज जमा नहीं किए जा रहे थे। जिसके चलते अस्पताल में पैदा होने वाली लाडलियों के पंजीयन नहीं हो पा रहे थे। जिसके चलते हेल्प डेस्क को बंद कर दिया गया है।
पीएचसी-सीएचसी में भी खोलनी थी हेल्प डेस्क
जिला अस्पताल के बाद दूसरे चरण में सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी हेल्प डेस्क खोला जाना था। जिससे ग्रामीण अंचल में भी लाडली का त्वरित पंजीयन कर योजना का लाभ दिलाया जा सके। लेकिन जिला अस्पताल में खोली गई डेस्क ही बंद कर दी गई।
जिला अस्पताल के बाद दूसरे चरण में सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी हेल्प डेस्क खोला जाना था। जिससे ग्रामीण अंचल में भी लाडली का त्वरित पंजीयन कर योजना का लाभ दिलाया जा सके। लेकिन जिला अस्पताल में खोली गई डेस्क ही बंद कर दी गई।
छात्रवृत्ति सहित मिलेंगें 1 लाख रुपए –
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत लाडली को कक्षा छठवी में दो हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है। कक्षा नवमी में चार हजार रुपए। 11 वी और 12 वी में छह-छह हजार रुपए । 21 वर्ष की आयु में लाडली को १ लाख रुपए की राशि लाडली का प्रदान करने का प्रावधान है।
लाडली लक्ष्मी योजना के तहत लाडली को कक्षा छठवी में दो हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है। कक्षा नवमी में चार हजार रुपए। 11 वी और 12 वी में छह-छह हजार रुपए । 21 वर्ष की आयु में लाडली को १ लाख रुपए की राशि लाडली का प्रदान करने का प्रावधान है।