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सतना

परीक्षा में बेहतर रिजल्ट चाहिए, तो हर विषय को देना होगा समय

एंजॉय योर एग्जाम: एक्सपर्ट ने बताया-लिखकर करें हिंदी की तैयारी, व्याकरण पर पकड़ मजबूत कर पा सकते हैं पूरे अंक

सतनाFeb 14, 2020 / 12:14 pm

Sonelal kushwaha

cbse school

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सतना. बोर्ड परीक्षा शुरू होने को कुछ ही दिन शेष हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की धड़कन दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वे गणित, अंग्रेजी व विज्ञान जैसे कठिन विषयों की तैयारी को लेकर काफी पहले से सेंसटिव थे लेकिन हिंदी, संस्कृत व सामाजिक विज्ञान को लेकर कुछ बच्चे उतनी संवेदनशीलता नहीं दिखाते। जबकि बेहतर रिजल्ट के लिए सभी विषयों में अच्छे मिलने चाहिए। अपेक्षाकृत सरल माने जाने वाले विषयों में स्टूडेंट्स फेल तो नहीं होते लेकिन कई बार इन्हीं विषयों में कम अंक मिलने से उनका परीक्षा परिणाम आशानुरूप नहीं आता और बाद में सिर्फ पछतावा हाथ लगता है। लिहाजा, टाइम टेबल निर्धारित कर सभी विषयों पर फोकस करें। एक्सपर्ट अजय सिंह ने बताया कि विद्यार्थी हिंदी को सबसे सरल विषय मानते हैंं।
खासकर ङ्क्षहदी मीडियम बच्चे पर सर्वाधिक अंक इसी में कटते हैं। उन्होंने बताया कि हिंदी में ङ्क्षबदी व पाई का विशेष महत्व होता है। इसलिए हिंदी का प्रश्न पत्र हल करते समय इसका विशेष ख्याल रखें। सिर्फ रटने व पढऩे से काम नहीं चलेगा। उत्तर लिखने की भी प्रैक्टिस करनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि गत कुछ वर्षों के प्रश्न-पत्र हल कर लें। विभागीय पोर्टल पर मॉडल पेपर उपलब्ध हैं। इसके अलावा बाजार में भी विभिन्न प्रकाशकों के सैम्पल पेपर्स उपलब्ध हैं।
शब्द सीमा पर दें ध्यान
परीक्षा में पूरा प्रश्न-पत्र हल न कर पाने की समस्या ज्यादातर विद्याार्थियों की होती है। इसके लिए भी परीक्षा से पहलेे सैम्पल पेपर हल करना जरूरी है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि परीक्षा में समय व शब्द सीमा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। कुछ विद्यार्थी सरल सवालों के उत्तर जरूरत से ज्यादा शब्दों में लिख देतेे हैं। इससे अन्य क्वेश्चन हल करने के लिए उनके पास पर्याप्त समय नहीं बचता।
भाषागत शुद्धता भी जरूरी
हिंदी में ङ्क्षबदी-मात्रा के अलावा भाषागत शुद्धता भी काफी मायने रखती है। यानी उत्तर लिखते समय शब्दों के चयन पर भी ध्यान देना होता है। शिक्षक अजय सिंह ने बताया कि कई बार विद्यार्थी किताबों के लिखा उत्तर रट लेते हैं, लेकिन उसका भावार्थ नहीं पता होता। इसलिए जरूरी है कि जो भी पढ़ें, उसका मायने भी समझें और जरूरत पड़े तो अपने शब्दों में भी लिख सकते हैं। शब्दों का चयन सही होगा तो उत्तर प्रभावी होगा। नंबर भी ठीक मिलेंगे।
व्याकरण पर फोकस
हिंदी में प्रश्नोत्तर के अलावा काफी हिस्सा व्याकरण का होता है। निबंध, आवेदन व गद्यांश-पद्यांश को छोड़ दें तो व्याकरण के शेष पार्ट में नंबर कटने की गुजाइश बहुत कम होती है। इसके लिए ज्यादा लिखना भी नहीं पड़ता। इस हिस्से की तैयारी ठीक-ठाक हो तो अच्छे खासे नंबर प्राप्त किए जा सकते हैं। लिहाजा, विद्यार्थियों को व्याकरण पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।

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