परीक्षा में पूरा प्रश्न-पत्र हल न कर पाने की समस्या ज्यादातर विद्याार्थियों की होती है। इसके लिए भी परीक्षा से पहलेे सैम्पल पेपर हल करना जरूरी है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि परीक्षा में समय व शब्द सीमा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। कुछ विद्यार्थी सरल सवालों के उत्तर जरूरत से ज्यादा शब्दों में लिख देतेे हैं। इससे अन्य क्वेश्चन हल करने के लिए उनके पास पर्याप्त समय नहीं बचता।
हिंदी में ङ्क्षबदी-मात्रा के अलावा भाषागत शुद्धता भी काफी मायने रखती है। यानी उत्तर लिखते समय शब्दों के चयन पर भी ध्यान देना होता है। शिक्षक अजय सिंह ने बताया कि कई बार विद्यार्थी किताबों के लिखा उत्तर रट लेते हैं, लेकिन उसका भावार्थ नहीं पता होता। इसलिए जरूरी है कि जो भी पढ़ें, उसका मायने भी समझें और जरूरत पड़े तो अपने शब्दों में भी लिख सकते हैं। शब्दों का चयन सही होगा तो उत्तर प्रभावी होगा। नंबर भी ठीक मिलेंगे।
हिंदी में प्रश्नोत्तर के अलावा काफी हिस्सा व्याकरण का होता है। निबंध, आवेदन व गद्यांश-पद्यांश को छोड़ दें तो व्याकरण के शेष पार्ट में नंबर कटने की गुजाइश बहुत कम होती है। इसके लिए ज्यादा लिखना भी नहीं पड़ता। इस हिस्से की तैयारी ठीक-ठाक हो तो अच्छे खासे नंबर प्राप्त किए जा सकते हैं। लिहाजा, विद्यार्थियों को व्याकरण पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।