scriptमहंगाई ने बिगाड़ा बजट, 20 फीसदी बढ़े खाद्य सामग्रियों के भाव | Inflation spoiled the budget, food prices increased by 20 percent | Patrika News
सतना

महंगाई ने बिगाड़ा बजट, 20 फीसदी बढ़े खाद्य सामग्रियों के भाव

किराना में तो 25 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है महंगाई

सतनाMay 21, 2022 / 08:34 pm

Hitendra Sharma

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सतना. गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार बढ़ती महंगाई से कराह रहा है। खाद्य सामग्री व सब्जियों की महंगाई ने घरेलू बजट की कमर ही तोड़ दी है। जिन घरों में किराना के भाव कम होने पर कुछ पैसे बचा लिए जाते थे वहां अब महंगाई ने इस बचत पर अंकुश लगा दिया है। आम लोग यह समझ नहीं पा रहे कि आखिर इस महंगाई में बजट को कैसे संतुलित किया जाए।

खाद्य सामग्रियों में लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण महिलाओं का घरेलू बजट बिगड़ गया है। किराना में सरसों तेल और रिफाइन, दाल सहित अन्य सामग्रियों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि से ये वस्तुएं आम आदमी की पहुंच से दूर होती जा रही हैं। किराना की बात करें तो 25 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ चुकी है,80 रुपए में बिकने वाली धनिया आज 130 रुपए में बिक रही है।

भाड़ा भी महंगाई का कारण बढ़ा
पेट्रोल, डीजल का दाम बढ़ने से माल भाड़े पर सीधा असर पर पड़ा है। इस कारण नमक, दाल से लेकर खाने वाले तेल और अन्य खाद्य सामग्री की कीमत काफी बढ़ी है। बाजार में किराना वस्तुओं की कीमतों के बढ़ने के कारण इनके थोक भाव में तेजी आई है और जब थोक भाव बढ़े तो खुदरा कारोबार में तेजी आना तय है। लगभग सभी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 20-25 प्रतिशत तक तेजी आ गई है। बाजार में बढ़ी कीमतों का असर अब रसोई पर दिखता है, लोग अपने बजट में कटौती करने लगे हैं। पहले जहां वे किलो में खरीदते थे वहीं अब आधा किलो में काम चलाने लगे हैं।

किराना व्यापारियों ने बताया कि पहले की अपेक्षा ऑयल के दाम काफी बढ़ चुके है,व्यापार भी काफी कम हुआ है। 1600 रुपए में मिलने वाले तेल अब 2500 रुपए में मिल रहा है। किराना बाजार में लगभग 15 प्रतिशत की महंगाई है, डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस के दा बढ़ने से महंगाई तो बढ़नी ही है। किसानों को एमएसपी में अच्छा दाम देकर गेहूं तेल कैसे सस्ता मिलेगा। किराना व्यापार के कुछ आइटमों में 5-10 प्रतिशत तक दाम बढ़ चुके है। मसाले में भी काफी तेजी है। पेट्रोल-डीजल के से ट्रांसपोर्टेशन भी तो महंगा हो रहा है। महंगाई का असर तो व्यापार में बहुत दिख रहा है बिक्री भी प्रभावित है। डीजल के दाम बढ़ने के कारण भाड़े बढ़ रहे है, स्वाभाविक है कि सामान के दाम महंगे होंगे। लगन सीजन होने के बाद भी व्यापारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते है,व्यापार नहीं है।

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