उन्होंने इसके राजनीतिक मायनों पर चुप्पी बनाए रखी। लोगों के प्रति संवेदनशीलता के कारण की जाने वाली घोषणाएं विपक्षियों को मौका दे रही हैं पर हमने जितनी भी घोषणाएं की हैं सभी पूरी हुई हैं। 109 घोषणाएं हुई जो पूरी हो चुकी हैं या प्रक्रियाधीन हैं। इससे विपक्षी परेशान हैं, बोलते रहते हैं। भाजपा विकास के काम में जुटी है। संविदाकर्मियों के मसले पर उन्होंने कहा कि हम सबको न्याय देंगे। इसलिए नई नीति तैयार की है। परसमनिया पर उन्होंने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन किसी भी अपराधी को छोडूंगा नहीं।
साधना रख रहीं पूरा ख्याल
पत्नी साधना सिंह हमेशा की तरह उनके साथ हैं। उनका साथ होना महज यात्रा तक सीमित नहीं, बल्कि वे इस दौरान शिवराज सिंह के खाने पीने का बराबर ख्याल रख रही हैं। कब पानी देना है, उन्हें कब चाय देनी है, कब क्या खाने को देना है? इस पर न केवल वे लगातार निगाह रख रही हैं बल्कि वे खुद समय-समय पर खाना, नाश्ता, चाय दे रही हैं। वे पूरा ध्यान रख रही हैं कि यात्रा में लगातार बोलने से उनके गले में ज्यादा दिक्कत न हो। गर्म पानी उपलब्ध करवा रही हैं। समय-समय पर उन्हें खुद फल काटकर खाने को दे रही हैं। साधना सिंह के चेहरे पर तब प्रफुल्लता देखने को मिलती है जब कार्यक्रमों में काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। वे रथ की खिड़की से महिलाओं से सीधा संवाद भी करती हैं और उनके ज्ञापन भी स्वीकार करती हैं। रथ में मौजूद हर व्यक्ति के खाने का ध्यान रख रही हैं। चालक से भी वे खाने के बारे पूछना नहीं भूलतीं।
पत्नी साधना सिंह हमेशा की तरह उनके साथ हैं। उनका साथ होना महज यात्रा तक सीमित नहीं, बल्कि वे इस दौरान शिवराज सिंह के खाने पीने का बराबर ख्याल रख रही हैं। कब पानी देना है, उन्हें कब चाय देनी है, कब क्या खाने को देना है? इस पर न केवल वे लगातार निगाह रख रही हैं बल्कि वे खुद समय-समय पर खाना, नाश्ता, चाय दे रही हैं। वे पूरा ध्यान रख रही हैं कि यात्रा में लगातार बोलने से उनके गले में ज्यादा दिक्कत न हो। गर्म पानी उपलब्ध करवा रही हैं। समय-समय पर उन्हें खुद फल काटकर खाने को दे रही हैं। साधना सिंह के चेहरे पर तब प्रफुल्लता देखने को मिलती है जब कार्यक्रमों में काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। वे रथ की खिड़की से महिलाओं से सीधा संवाद भी करती हैं और उनके ज्ञापन भी स्वीकार करती हैं। रथ में मौजूद हर व्यक्ति के खाने का ध्यान रख रही हैं। चालक से भी वे खाने के बारे पूछना नहीं भूलतीं।
पार्टी तय करेगी चेहरे
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा आगामी चुनावों में चेहरे बदलने के मसले पर खुद को अलग करते हुए कहा, यह पार्टी आकलन करेगी और वही निर्णय लेगी। सपाक्स के मसले पर कहा कि हम समाज कल्याण की बात करते हैं। किसी जाति पर हम बात नहीं करते। प्रमोशन में आरक्षण के मसले पर उनका जवाब रहा कि किसी में कोई असंतोष नहीं है। जनता में सब दिख रहा है और यह जुटने वाली भीड़ में साबित भी हो रहा है। पार्टी सिर्फ विकास और सबको साथ लेकर चलने पर विश्वास करती है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा आगामी चुनावों में चेहरे बदलने के मसले पर खुद को अलग करते हुए कहा, यह पार्टी आकलन करेगी और वही निर्णय लेगी। सपाक्स के मसले पर कहा कि हम समाज कल्याण की बात करते हैं। किसी जाति पर हम बात नहीं करते। प्रमोशन में आरक्षण के मसले पर उनका जवाब रहा कि किसी में कोई असंतोष नहीं है। जनता में सब दिख रहा है और यह जुटने वाली भीड़ में साबित भी हो रहा है। पार्टी सिर्फ विकास और सबको साथ लेकर चलने पर विश्वास करती है।
50 फीसदी स्थानीय को रोजगार
जिले में फैक्ट्रियां होने के बाद भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने के मसले पर कहा कि हम यह प्राथमिकता से सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि 50 फीसदी न्यूनतम स्थानीय और मध्यप्रदेश के लोगों को रोजगार मिले। अगर किसी मॉडीफाइड की बात है तो उसमें भी प्राथमिकता स्थानीय को मिलेगी।
जिले में फैक्ट्रियां होने के बाद भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने के मसले पर कहा कि हम यह प्राथमिकता से सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि 50 फीसदी न्यूनतम स्थानीय और मध्यप्रदेश के लोगों को रोजगार मिले। अगर किसी मॉडीफाइड की बात है तो उसमें भी प्राथमिकता स्थानीय को मिलेगी।
18 घंटे काम
शिवराज ने अपने अत्याधुनिक रथ में पत्रिका को बताया कि वे 24 में से 18 घंटे काम करते हैं। यह लगातार पूरे 5 साल का रुटीन है। समृद्ध मध्यप्रदेश बनाना एकमात्र लक्ष्य है। आज कौन है जो 5 साल बाद हिसाब देने जाता है, लेकिन हम दिलेरी से बात कर रहे हैं।
शिवराज ने अपने अत्याधुनिक रथ में पत्रिका को बताया कि वे 24 में से 18 घंटे काम करते हैं। यह लगातार पूरे 5 साल का रुटीन है। समृद्ध मध्यप्रदेश बनाना एकमात्र लक्ष्य है। आज कौन है जो 5 साल बाद हिसाब देने जाता है, लेकिन हम दिलेरी से बात कर रहे हैं।