जानकारी के अनुसार, कलेक्टर ने बिना अपनी पहचान बताए जब कंट्रोल रूम में चार बार फोन लगाया लेकिन वहां तैनात कर्मचारियों ने हीलाहवाली करते हुए फोन रख दिया। इस पर कलेक्टर ने तत्काल उप संचालक कृषि को कंट्रोल रूम पहुंचने बोला। जब डीडीए कंट्रोल रूम पहुंचे तो कलेक्टर ने फिर फोन लगाया। इस बार फिर यहां तैनात भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी शीतल पाण्डेय ने फोन उठाया और वही रवैया जारी रखा।
इस पर जब डीडीए ने बताया कि मालूम है तुम्हें फोन किसका है। सामने से कलेक्टर साहब फोन कर रहे हैं। फिर क्या था सामने वाले की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई और आनन-फानन में फोन के रिसीवर से सब सुनाई देने लगा। आवाज भी आने लगी। इसके बाद नाराज कलेक्टर ने उप संचालक कृषि से इस कर्मचारी के बारे में जानकारी ली। फिर तत्काल उसका निलंबन प्रस्ताव तलब किया और देर शाम भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी शीतल पाण्डेय को निलंबित कर दिया।
उप संचालक कृषि कार्यालय में बने कंट्रोल रूम में फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज करने तैनात अमला हद दर्जे की लापरवाही बरत रहा था। इनके द्वारा शिकायत दर्ज तो नहीं की जाती थी साथ ही भ्रामक जानकारी भी दी जा रही है। निलंबित किए गए शीतल पांडेय ने बुधवार को भी इसी तरह की हरकत की थी। जिसे पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। यहां दूसरी पाली में दो कर्मचारियों शीतल प्रसाद पाण्डेय और अनिल त्रिपाठी की ड्यूटी लगाई गई थी। इन्हें २ बजे से ८ बजे तक कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों को दर्ज करना था।
विगत दिवस इस कंट्रोल रूम में साढ़े सात बजे के लगभग एक किसान का फोन आया। जिसमें गोलहटा सोसायटी की शिकायत किसान द्वारा की जा रही थी और बताया गया कि उसने ऋण नहीं लिया है फिर भी सूची में नाम आ गया है। लेकिन शीतल पाण्डेय ने शिकायत न दर्ज कर टालमटोल करने लगा और यह बताया कि इसके लिये गुलाबी फार्म भरिए। जब किसान ने बताया कि जांच समिति की अध्यक्ष से आपका नंबर मिला है और शिकायत रजिस्टर में दर्ज करने को बताया गया है। तो फिर टालने के अंदाज में शीतल ने कहा कि अगले दिन आधार कार्ड लेकर आइए।
कलेक्टर केे काल किए जाने और कंट्रोल रूम का फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद जैसे ही संबंधित के निलंबन की खबर फैली आनन-फानन में कंट्रोल रूम और यहां के पूरे अमले में सजगता देखी गई। उप संचालक ने भी सभी को दो टूक कह दिया है कि अब कभी भी कलेक्टर या अन्य अधिकारी यहां इसी तरह से फेक कॉल करके टेस्ट लेंगे। इसलिए जो भी गंभीर नहीं होगा वह कार्रवाई के लिये तैयार रहे।
सतेन्द्र सिंह, कलेक्टर