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सतना

अपहरण कर हत्या में जमीन विवाद नहीं कुछ और था मकसद

छात्र की हत्या करने के बाद मांगी थी 10 लाख की फिरौती, वारदात का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, सहयोगी की तलाश, कुएं से बरामद हुआ बच्चे का शव, मोबाइल दुकान चलाने वाले सगे भाई भी आरोपी बनाए गए

सतनाAug 19, 2019 / 01:03 pm

Dhirendra Gupta

Land dispute was nothing else but motive in kidnapping and murder

Land dispute was nothing else but motive in kidnapping and murder

सतना. अमरपाटन थाना क्षेत्र के चोरहटा गांव से आठवीं के छात्र का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई है। अपहरण के बाद बदमाशों ने छात्र के पिता से फोन पर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। रविवार की सुबह जब बच्चे का शव घर से 20 किमी दूर वंशीपुर गढ़ी के कुएं से बरामद कर लिया गया तो यह बात सामने आई कि फिरौती मांगने से पहले ही बच्चे की हत्या कर दी गई थी। एसपी रियाज इकबाल ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अपराध को अंजाम देने के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि उसके एक साथी की तलाश की जा रही है। इस प्रकरण में पुलिस ने सिमकार्ड बेचने वाले दो युवकों को भी आरोपी बनाया है।
यह है मामला
चोरहटा गांव से 16 अगस्त को अमित प्रजापति का बेटा विकास प्रजापति उर्फ कुल्लू अचानक गायब हो गया था। तलाश के बाद भी जब वह नहीं मिला तो 17 अगस्त को सुबह कररीब साढ़े 11 बजे अमित ने अमरपाटन थाने में उसके गुम होने की सूचना दी थी। इसके कुछ देर बाद ही अमित के भाई ने पुलिस को खबर दी कि 10 लाख की फिरौती के लिए अमित के पास किसी व्यक्ति का फोन आया है। यह सुनते ही पुलिस की एक टीम सादा कपड़ों में किराई इटमा के हनुमान मंदिर के पास रवाना की गई और खुद टीआइ राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा अमित से मिलने चोरहटा पहुंचे। इसके बाद मोबाइल कॉल के आधार पर संदेहियों की धरपकड़ शुरू हुई। रात करीब एक बजे जब एक संदेही ने वारदात करना स्वीकार किया तब पता चला कि बच्चे की हत्या कर दी गई है। रात को ही पुलिस उस कुएं को जांचने पहुंची जहां शव होना बताया गया था लेकिन अंधेरे में कुछ समझ नहीं आया। एेसे में कुछ घंटों बाद उजाला होने पर कुएं से शव बरामद कर लिया गया।
यह हैं आरोपी
एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी तेजबली प्रजापति उर्फ लल्लन पुत्र दुलीचंद प्रजापति (19) को गिरफ्तार कर लिया गया है। लल्लन का साथ देने वाला धनीलाल प्रजापति पुत्र गिरधारी प्रजापति (24) निवासी बिहरा क्रमांक दो थाना रामपुर बाघेलान की तलाश की जा रही है। जांच के दौरान यह पाया गया कि फर्जी आइडी से लिया हुआ सिमकार्ड घटना में प्रयुक्त हुआ है। एेसे में गलत तरीके से सिमकार्ड बेचने पर खरवाही मोड़ में आशीष मोबाइल एंड रिपेयरिंग सेंटर के नाम से दुकान संचालित करने वाले आशीष वर्मा पुत्र वेदनाथ वर्मा (29) व उसके भाई राजकुमार वर्मा (23) दोनों निवासी जीतनगर खरवाही को भी आरोपी बनाया गया है।
हत्या के बाद फिरौती
चोरहटा से वंशीपुर गांव की दूरी करीब 20 किमी बताई जाती है। वंशीपुर गांव में बनी गढ़ी के कुएं से ही विकास का शव बरामद किया गया है। विकास की हत्या करने के बाद उसका शव कुएं में फेंका गया या फिर कुएं में डूबने से उसकी मौत हुई इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डायटम टेस्ट के बाद ही चल सकेगा। पुलिस जांच और आरोपी लल्लन से पूछताछ के बाद यह बात सामने आई कि 16 अगस्त को अपहरण के बाद ही विकास की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आरोपियों ने 17 अगस्त की दोपहर 1.41 बजे फोन पर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी।
तीन बहनों में अकेला भाई
अमित की चार संतान में विकास अपनी तीन बहनों में अकेला भाई थी। सबसे बड़ी ज्योति (16) फिर विकास (13), आरती (11) और फिर पूजा (5) है। जब विकास का अपहरण हुआ तो उसकी मां संतरा बाई घर पर नहीं थी। वह छोटी बेटी पूजा को लेकर अपने मायके पिथौराबाद में भाई मनोज प्रजापति के घर गई थीं। बेटे के गायब होने की खबर सुनकर विकास की मां घर लौटी।
अमरपाटन में खाए समोसा
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि खेरिया मोड़ से उसने विकास को अपनी बाइक पर बैठाया था। घूमते हुए लल्लन, विकास और धनीलाल मोटर साइकिल से अमरपाटन पहुंचे। जहां एक दुकान से समोसा खाए और फिर 300 रुपए का पेट्रोल बाइक में भरवाया। इसकी पुष्टि करने के लिए जब पुलिस रविवार को आरोपी को लेकर गई तो पता चला कि जिस दुकान से उसने समोसा खाना बताया है वह 16 अगस्त को खुली ही नहीं थी। पेट्रोल पंप में भी आरोपियों के पहुंचने से सुराग नहीं मिले। एेसे में शातिर आरोपी पुलिस को वारदात का खुलासा होने के बाद भी गुमराह करता रहा।
गढ़ी में घूमने के बाद हत्या
पुलिस जांच मेंपता चला है कि विकास को लेकर आरोपी लल्लन और धनीलाल गढ़ी में घूमते रहे। इसके बीच विकास को कुएं में फेंक दिया गया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि दोनों आरोपियों ने हाथ पैर पकड़ कर उसे कुएं में फेंका है। पुलिस मान रही है कि इस दौरान संघर्ष के हालात भी रहे होंगे। जिस कुएं से शव मिला वह करीब 50 फिट गहरा है और उसमें 10 फिट तक ही पानी था।
आखिर मासूम का क्या कसूर
अब सवाल यह होता है कि इस मासूम ने किसी का क्या बिगाड़ा था? जो उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस पर पुलिस का दावा है कि बच्चे के पिता अमित प्रजापति के साथ उनके अपने ही करीबी पारिवारिक सदस्यों का जमीन बंटवारे को लेकर विवाद था। अमित का भतीजा तेज प्रताप उर्फ ललन आए दिन विवाद करता था। दोनों परिवार की महिलाओं के बीच भी अक्सर झगड़ा होता रहता था। अमित की चार संतानों में विकास इकलौता पुत्र था। एेसे में आरोपी तेजबली ने अमित के वंश का विनाश करने की नियत से उसके पुत्र विकास को बहला-फुसलाकर अपनी गिरफ्त में लिया और उसकी हत्या कर दी। पुलिस का आशय है कि पारिवारिक रंजिश और जमीन जायदाद के चक्कर में विकास की बलि चढ़ गई। फिरौती वसूलने के लिए उसकी हत्या नहीं की गई। क्योंकि विकास के पिता अमित प्रजापति की माली हैसियत इतनी नहीं है कि वह लाखों रुपए फिरौती में दे सकते। डेढ़ एकड़ जमीन पर खेती से अपने परिवार की आजीविका चलाने वाले अमित का कहना है कि हिस्से में उसके पिता को डेढ़ एकड़ जमीन मिली थी। जिस पर अमित के साथ उसके भाई सुमित व रोशन का भी हक है।
पुलिस ने बदला फोन
विकास के पिता अमित ने बताया कि दिनभर बेटा घर नहीं आया। रात 9 बजे उसकी तलाश शुरू की गई। परिवार और पड़ोसियों की मदद से रिश्तेदारों के यहां भी पूछा। रात भर परेशान होते रहे। अगली सुबह गांव से लगे, तालाब, नदी और कुएं भी देखे लेकिन पता नहीं चला। 17 अगस्त को जब पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराई तो इसके कुछ देर बाद ही फिरौती के लिए फोन आ गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फिरौती की बात सामने आते ही पुलिस अमित के पास पहुंची। उसका फोन साधारण था, इसिलए वॉइस रिकॉर्डिंग के लिए उसे दूसरा फोन दिया गया। ताकि फिरौती मांगने वाले के साक्ष्य जुटाए जा सकें। इस बीच सायबर टीम अपने काम में जुटी थी।
ऐसे पहुंचे आरोपी तक
पुलिस ने सिमकार्ड से संबंधित दस्तावेज जांचे तो वह किसी राजा भैया नाम के व्यक्ति के निकले। जब उससे पूछताछ हुई तो उसने बताया कि चोरहटा के पास खरवाही मोड़ स्थित मोबाइल शॉप से उसने 14 अगस्त को उसने एक सिम ली थी। पुलिस ने जब उस सिम को जांचा तो पता चला कि यह वह सिम नहीं है जिससे फिरौती मांगी गई थी। पुलिस को मोबाइल शॉप के संचालक पर शक हुआ तो दुकानदार से पूछताछ शुरू की। तब पता चला कि दुकानदार ने राजा भैया को सिम देते वक्त उसी के दस्तावेज पर और एक सिम एक्टिव कर ली थी। जो 200 रुपय में तेजबली प्रजापति उर्फ लल्लन को दी थी। यह जानकारी सामने आते ही पुलिस ने 17 अगस्त की रात तेजबली को पकड़ा और उससे पूछताछ शुरू की। काफी पूछताछ के बाद तेजबली नेे जुर्म कबूलते हुए घटना के बारे में बताया।
घर नहीं जाता था आरोपी
मृतक के पिता अमित ने बताया कि दोनों परिवार के बीच कोई विवाद नहीं था। फिर भी लल्लन उसके घर कई साल से नहीं आया। लेकिन विकास के साथ लल्लन की दोस्ती थी। लल्लन गांव में ही अण्डे बेचता था। जहां से विकास कई बाद खाने जाता था। दोनों के बीच खूब पटती थी। मोबाइल दुकानों की होगी जांचप्री एक्टिवेट सिम का मामला सामने आने के बाद एसपी रियाज इकबाल ने कहा है कि मोबाइल दुकानों की जांच विशेष अभियान चलाकर की जाएगी। सिम के लिए जमा दस्तावेजों की पुष्टि होगी। अगर कहीं कोई गड़बड़ी मिली तो संबंधित के खिलाफ वैधानिक कार्यवाई की जाएगी।

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