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सतना में जमीन फर्जीवाड़ा: बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को एसएलआर ने बना दिया भू-मालिक

रिफ्यूजियों को दिए गए अस्थाई पट्टों की शर्तों का उल्लंघन, अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर बना दिया भू-स्वामी
 

सतनाMar 22, 2018 / 03:21 pm

Pushpendra pandey

satna land

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सतना. नागौद तहसील में वर्ष 1988 में बांग्लादेश से पहुंचे शरणार्थियों को जमीन का अस्थाई पट्टा दिया गया था। दस वर्षीय इस सशर्त पट्टे में स्पष्ट उल्लेख था कि अगर इनके द्वारा सभी शर्तों का पालन किया जाता है तो इन्हें स्थाई पट्टा दिया जाएगा। लेकिन, जिले के एसएलआर ने बिना अधिकारिता के बड़ा कारनामा कर दिखाया। न केवल उन्हें भू-स्वामी घोषित कर दिया बल्कि जमीनों का नामांतरण भी कर दिया। अब स्थिति यह है कि इनमें से कई शरणार्थी तो अपनी जमीनें दूसरों को बेच कर अन्यत्र चलते बने हैं। दरअसल, 1987 में बांग्लादेश से भाग कर शरणार्थी सतना जिले में पहुंचे थे। तब शासनादेश के अनुसार जिले की नागौद तहसील के 11 गांवों में 203 लोगों को 674.96 एकड़ जमीन के अस्थाई पट्टे दिए गए थे।
15 शर्तें थीं शामिल
शरणार्थियों को यह पट्टे फार्म ‘ईÓ में 10 वर्ष के लिए प्रदान किए गए थे। पट्टा देने के साथ ही इसमें 15 शर्तें भी उल्लेखित की गईं थीं। राजस्व विभाग के नियमानुसार यह भी स्पष्ट किया गया था कि अस्थाई पट्टेदारों द्वारा इस कालावधि में यदि सभी शर्तों का पालन किया जाता है तो उसका फॉर्म ‘ईÓ में जारी किया गया पट्टा रद्द कर फार्म ‘एÓ में स्थाई पट्टा जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया का अधिकार तहसीलदार को था। लेकिन एसएलआर गोविंद सोनी ने अपनी अधिकारिता के बिना इन पट्टों में बड़ा फर्जीवाड़ा कर दिया। इन्होंने ऐसे अस्थाई पट्टेदारों को बिना अधिकारिता के भूमि स्वामी स्वत्व घोषित कर दिया। इसके बाद नामांतरण भी कर दिया।
इन गांवों में दी गई थी जमीन
नागौद तहसील के महतैन गांव में 61 लोगों को 296 एकड़, पहडिय़ा गांव में 23 लोगों को 108 एकड़, डुड़वा गांव में 2 लोगों को 9 एकड़, झरसी में 3 लोगों को 5 एकड़, मेढ़कानी में 33 लोगों को 155 एकड़, चौपरा में 6 लोगों को 26 एकड़, उसरार में 32 लोगों को 161 एकड़, चमर में 4 लोगों को 19 एकड़, गोड़ा में 25 लोगों को 121 एकड़, कुडिय़ा में 10 लोगों को 50 एकड़, नवस्ता में 4 लोगों को 20 एकड़ जमीन का अस्थाई पट्टा वितरित किया गया था। इस तरह से कुल 11 गांवों में 203 लोगों को 978.96 एकड़ जमीन का अस्थाई पट्टा दिया गया था।

जमीन बेच चलते बने
स्थिति यह है कि भूमि स्वामी घोषित कई शरणार्थी परिवार अपनी जमीनें बेचकर चलते बने हंै। इस मामले में आरोप है कि लंबा लेनदेन कर व्यापक पैमाने पर अनियमितता की गई है। भाव्या मित्तल, एसडीएम नागौद ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। जैसा बताया जा रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी। जो भी दोषी होगा, संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
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