एजीपी उमेश कुमार शर्मा ने बताया, फरियादी भगवानदीन सेन अपनी पत्नी आशा के साथ ग्राम सुहिली थाना रामनगर में रहता था। 22 जुलाई 18 सुबह 7:30 बजे पत्नी के कहने पर अपनी बीमार ससुर को देखने ससुराल गया था। पत्नी आशा घर पर अकेली थी। उसने अपनी पत्नी आशा से 22 जुलाई को शाम 7 बजे आखिरी बार बात की। तब पत्नी ने बताया था कि ठेकेदार और मजूदर सेंटिग का समान लेकर आए थे जो कि घर पर रखकर चले गए हैं। दूसरे दिन 23 जुलाइ को सुबह 6 बजे जब फरियादी ने फोन लगाया तो उसकी पत्नी के मोबाइल पर घंटी ही नहीं गई। सुबह 10:30 बजे ठेकेदार भीमसेन कोरी ने बताया कि उनके घर को कोई दरवाजा नहीं खोल रहा है।
तब फरियादी ने इंद्रमणी कुशवाहा से कहा कि घर को दरवाजा नहीं खुल रहा है ठेकेदार और मजदूर लौट रहे हैं। जाकर देखो दरवाजा क्यों नहीं खुल रहा है। इदं्रमणी ने घर पहुंचकर आवाज लगाई लेकिन कोई बाहर नहीं आया तब उसने नजदीक रखी सीढ़ी लगाकर अंदर झांका तो दंग रह गया। इंद्रमणी ने फरियादी से कहा आप जल्दी घर आ जाओ। जब वह घर पहुंचा तो पुलिस खड़ी हुई थी और भीड़ लगी थी। घर के अंदर जाकर देखा तो समान बिखरा हुआ पड़ा था और आशा के हाथ-पैर बंधे हुए थे। जो कि मृत अवस्था में बिस्तर में पड़ी हुई थी। पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ घारा 302 सहपठित धारा 34, 449, 394, 460 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरु की। जांच पूरी होने के बाद अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया।
तब फरियादी ने इंद्रमणी कुशवाहा से कहा कि घर को दरवाजा नहीं खुल रहा है ठेकेदार और मजदूर लौट रहे हैं। जाकर देखो दरवाजा क्यों नहीं खुल रहा है। इदं्रमणी ने घर पहुंचकर आवाज लगाई लेकिन कोई बाहर नहीं आया तब उसने नजदीक रखी सीढ़ी लगाकर अंदर झांका तो दंग रह गया। इंद्रमणी ने फरियादी से कहा आप जल्दी घर आ जाओ। जब वह घर पहुंचा तो पुलिस खड़ी हुई थी और भीड़ लगी थी। घर के अंदर जाकर देखा तो समान बिखरा हुआ पड़ा था और आशा के हाथ-पैर बंधे हुए थे। जो कि मृत अवस्था में बिस्तर में पड़ी हुई थी। पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ घारा 302 सहपठित धारा 34, 449, 394, 460 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरु की। जांच पूरी होने के बाद अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया।
अभियुक्तों के खिलाफ जुर्म साबित
कोर्ट ने विचारण के दौरान तीनों अभियुक्तों के खिलाफ जुर्म साबित होना पाया। कोर्ट ने अभियुक्त नारेंद्र सेन पिता तीरख सेन उम्र 22 निवासी ग्राम बदरांव तिवारीयान टोला थाना सिरमौर, रीवा, संजीव कुमार उर्फ संजू तिवारी पिता श्रीकांत तिवारी उम्र 28 निवासी ग्राम गोदरी थाना लौर, रीवा और कृष्ण बिहारी उर्फ प्रिंसु मिश्रा पिता शंकर प्रसाद मिश्रा उम्र 26 निवासी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास, 449, 460 और 394 के तहत के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को चार-चार हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया।
कोर्ट ने विचारण के दौरान तीनों अभियुक्तों के खिलाफ जुर्म साबित होना पाया। कोर्ट ने अभियुक्त नारेंद्र सेन पिता तीरख सेन उम्र 22 निवासी ग्राम बदरांव तिवारीयान टोला थाना सिरमौर, रीवा, संजीव कुमार उर्फ संजू तिवारी पिता श्रीकांत तिवारी उम्र 28 निवासी ग्राम गोदरी थाना लौर, रीवा और कृष्ण बिहारी उर्फ प्रिंसु मिश्रा पिता शंकर प्रसाद मिश्रा उम्र 26 निवासी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास, 449, 460 और 394 के तहत के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को चार-चार हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया।