शहर के जल उपभोक्ताओं पर तीन करोड़ से अधिक का पुराना जलकर बकाया है। लेकिन, जलकार्य विभाग की उदासीनता के चलते उपभोक्ता जलकर जमा करने में रुचि नहीं ले रहे। जलकर की वसूली न होने से बकाया राशि का ग्राफ साल दर साल बढ़ता जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष एवं विगत वर्षों को मिलाकर शहर की जनता पर 10 करोड़ से अधिक का जलकर बकाया है। इसके बावजूद शनिवार को आयोजित लोक अदालत में लोग जलकर के प्रकरणों का निराकरण कराने नहीं पहुंची। लोक अदालत में जलकर के रूप में मात्र 7.68 लाख रुपए जमा हुए। जो निगम निगम के लिए निराशाजनक हैं। इसकी प्रकार राजस्व प्रकरणों के निराकरण से 6.43 लाख रुपए की आय हुई।