सप्लाई का पानी शहर के घर-घर में पहुंचाने की योजना निगम प्रशासन की मनमानी के कारण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। योजना के तहत शहर में किसी कॉलोनी में कितनी पाइप लाइन डालनी है इसका सर्वे और नक्शा डिजाइन वार्क आर्डर होने से पहले ही पास किया जा चुका है। अमृत योजना के तहत वार्ड 16 की शहर से देर बसी पुरैनिहा बस्ती एवं कृपालपुर में भी पाइप लाइन बिछाई जानी है। लेकिन अब ठेकेदार को लाभ पहुंचने कृपालपुर बस्ती से फिल्टर प्लांट तक पाइप लाइन न बिछाने का खेल किया जा रहा है। निगम सूत्रों ने बताया कृपालपुर बस्ती को नगर निगम की पानी सप्लाई से जोडऩे के लिए लिए ठेकेदार को तीन किलो मीटर पाइप लाइन बिछानी पड़ेगी। कृपालपुर में नए बोर कराने का प्रपोजल तैयार किया जा रहा है।
शहर के पश्चिमी भाग में 13 वार्डों में जलावर्धन योजना के तहत पाइप लाइन विछाने का कार्य पूरा हो गया है। बाकी बचे वार्डों में अमृत योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। पूरे शहर में पाइपलाइन से जलापूर्ति की ढाई सौ करोड़ की जलावर्धन योजना स्वीकृति के बाद नगर निगम द्वारा शहर में नए बोर कराने एवं टैंकरों से जलापूर्ति पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाजवूद महापौर की ओर से वार्ड १६ में दो नए बोर कराने का प्रपोजल तैयार करने दिए गए निर्देश ने अमृत योजना पर सवाल खड़े खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी उठता है कि जब शहर में बोरिंग से ही जलापूर्ति होनी थी तो अमृत योजना में डेढ़ सौ करोड़ रुपए क्यों बर्बाद किए गए।