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सतना

चिटफंड फर्जीवाड़ा: मैहर TI को गए थे 60 हजार रुपए, जब्त दस्तावेजों से श्योपुर पुलिस को मिले ये सबूत

चिटफंड कम्पनी विश्वामित्र इंडिया परिवार के जोनल मैनेजर अनिल दरियानी ने अपनी गिरफ्तारी के बाद कई राज उगले हैं।

सतनाOct 23, 2017 / 11:32 am

suresh mishra

Maihar Chit Fund fraud expose in Sheopur Police

Maihar Chit Fund fraud expose in Sheopur Police

रमाशंकर शर्मा सतना। गरीब परिवारों की बचत पर बैंकों से ज्यादा ब्याज देने का लालच देकर आर्थिक धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कम्पनी विश्वामित्र इंडिया परिवार के जोनल मैनेजर अनिल दरियानी ने अपनी गिरफ्तारी के बाद कई राज उगले हैं। अनिल उर्फ नीलू दरियानी की गिरफ्तारी के लिए मैहर पहुंची श्योपुर पुलिस उसकी निशानदेही पर मैहर स्थित विश्वामित्र इंडिया परिवार के दफ्तर के दस्तावेजों का जखीरा जब्त कर अपने साथ ले गई थी।
इन दस्तावेजों की पड़ताल में पाया गया कि विश्वामित्र इंडिया के खाते से जुलाई माह में मैहर थाना टीआई के नाम से 60 हजार रुपए निकाले गए हैं। इससे अब तक चिटफंड फर्जीवाड़े को लेकर सवालों में घिरी मैहर पुलिस की भूमिका पूरी तरह से लपेटे में आ गई है। पत्रिका के पास मौजूद सबूत भी इस ओर स्पष्ट इशारा कर रहे हैं कि पीडि़तों की तमाम शिकायतों के बाद मैहर पुलिस ने निष्पक्षता न बरतते हुए दोषियों के पक्ष में खड़ी ज्यादा नजर आई।
व्यापक पैमाने पर दस्तावेज जब्त

श्योपुर पुलिस ने अपने यहां हुए फर्जीवाड़े के आरोप के घेरे में आए चिटफंड कम्पनी विश्वामित्र इंडिया परिवार के जोनल मैनेजर अनिल दरियानी को गिरफ्तार कर साथ ले गई थी। गिरफ्तारी के दौरान उसने मैहर स्थित कंपनी के कार्यालय से व्यापक पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए थे। इसमें कंपनी के खाते से किए गए लेनदेन का ब्यौरा भी शामिल था। पुलिस ने जब इन दस्तावेजों की पड़ताल की तो उससे चौंकाने वाले खुलासे हुए। कंपनी की मुहर लगे इन दस्तावेजों के खुलासे ने बड़े गठजोड़ को सामने रख दिया है।
यह रकम 17/07/2017 को देना बताई गई

सूत्रों की माने तो कंपनी खाते से लेन देन ब्यौरे की जांच में पाया गया है कि 31वें नंबर पर कंपनी के खाते से मैहर थाना (टीआई) को 60000 रुपए दिए गए हैं। इस ब्यौरे में यह रकम 17/07/2017 को देना बताई गई है। अब इस खुलासे के बाद पुलिस खुद सकते में आ गई है और मामले में पूरी तरह से चुप्पी साध ली गई है। लेकिन पत्रिका के हाथ लगे इन दस्तावेजों की कापी ने पूरे फर्जीवाड़े में मैहर पुलिस की कलई खोल कर रख दी है।
पहले से शक के घेरे में थी पुलिस की भूमिका
विश्वामित्र इंडिया परिवार द्वारा चिटफंड के नाम पर मैहर सहित आसपास के इलाके के सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आने के बाद से ही मैहर पुलिस और जिला प्रशासन सवालों के घेरे में आने लगा था। प्रथम दृष्ट्या ही ‘मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम की धारा-4Ó का मामला बनने के बाद भी पुलिस इस मामले में चुप्पी साधे बैठे रही।
प्राथमिक जांच में मामला गड़बड़झाले

यह स्थिति तब रही जब जिला प्रशासन और मैहर एसडीएम की प्राथमिक जांच में मामला गड़बड़झाले का पाया गया था। लेकिन इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने कंपनी के जोनल मैनेजर अनिल दरियानी पर कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा यह कहा गया कि अभी तक उनके पास किसी तरह की शिकायत नहीं आई है।
सोशल मीडिया में एक रिकार्डिंग भी वायरल

इसी बीच रवि गुप्ता ने अपने 2.5 लाख और अरुण चौरसिया ने अपने 59 हजार रुपए का भुगतान अनिल दरियानी उर्फ नीलू द्वारा न किए जाने की लिखित शिकायत भी कर दी। इसके बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। हालांकि इस बीच सोशल मीडिया में एक रिकार्डिंग भी वायरल हुई जिसमें इस मामले में मैहर पुलिस अधिकारी सवालों में घिरते नजर आए थे। लेकिन अब श्योपुर पुलिस की दस्तावेजी जांच ने शक को और पुख्ता कर दिया है।
जिला प्रशासन पर भी सवाल
चिटफंड फर्जीवाड़े के मामलों के लिये शासन ने मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम की धारा-4 के तहत कलेक्टर को सक्षम अधिकारी बनाया है। इसमें कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक साझा तौर पर ऐसे मामलों की जांच करते हैं। लेकिन तमाम शिकायतों के बाद भी जिस तरीके से जिला प्रशासन इस पर अभी तक बेनतीजा है उससे कलेक्टर भी सवालों में हैं। वह तब जबकि श्योपुर पुलिस ऐसे ही मामले में यहां से उसी आरोपी को गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा चुकी है।
अभी श्योपुर पुलिस से हमें जानकारी नहीं मिली है। अगर ऐसा मामला सामने आता है तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
राजेश हिंगणकर, पुलिस अधीक्षक

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